पीड़ा जो आज मिली है, आलिंगन उसका कर लो-डॉ0 गीता सिंह

in #azamgarh2 years ago

पीड़ा जो आज मिली है, आलिंगन उसका कर लो-डॉ0 गीता सिंह
आजमगढ़ की साहित्यिक विरासत को आगे बढ़ाते हुये डॉ0 गीता सिंह अध्यक्ष स्नातकोत्तर हिन्दी विभाग डी.ए.वी.पी.जी.कॉलेज, आजमगढ़ की अध्यक्षता में इलाहाबाद विश्वविद्यालय प्रयागराज के हिन्दी विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर ग़ज़लकार,गीतकार डॉ0 लक्ष्मण प्रसाद गुप्ता का सम्मान एवं काव्य समारोह का आयोजन शहर के प्रतिष्ठित शिक्षण संस्थान यश वी यश इंटर कॉलेज, हाफिजपुर में हुआ।WhatsApp Image 2022-06-07 at 3.16.52 PM.jpeg कार्यक्रम का आगाज सुश्री निधि सिंह के द्वारा माँ सरस्वती वन्दना "हे शारदे माँ हे शारदे माँ, अज्ञानता से हमें तार दे माँ" के साथ हुआ।इस अवसर पर हिन्दी साहित्य में डॉ0 लक्ष्मण प्रसाद गुप्ता जी के अभूतपूर्व योगदान के लिये उन्हें अंगवस्त्रम ,स्मृति चिन्ह के द्वारा सम्मानित किया गया।इस साहित्यिक काव्य निशा में डॉ0 लक्ष्मण प्रसाद गुप्ता जी ने अपना तीसरा नया कविता संग्रह "तीसरी नदी" डॉ0 गीता सिंह को भेंट किया।कार्यक्रम में डॉ0 विनम्र सेन सिंह ने अपनी रचना "वक्त सपने और तूफानों को कभी न रोक पाओगे,चाहकर भी उस समंदर को तुम कभी न रोक पाओगे, प्यार करते हों अगर उससे तो उसे जाहिर करों वर्ना, तुम बताओं दिल की बातों को दिल मे कब तक रोक पाओगें"सुनाकर खूब वाहवाही बटोरी। डॉ0अखिलेश चन्द्र एसोसिएट प्रोफेसर शिक्षा संकाय श्री गाँधी पी जी कॉलेज, मालटारी, आजमगढ़ ने -'बचपन के वो प्यारे दिन,मेरे गाँव की दुनियां, पीपल की ठंडी छांव, प्यारी सी वो मुनियां, बजाती थी प्यार से,पाँव की वो पैजनियां,देख मुझको वो हँसती, हँसता मैं भी तो तब था,अब न मुनियां न वो हँसी... उसे मै ढूंढ रहा हूँ'...गीत सुनाकर शमा बांध दिया।कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ0 लक्ष्मण प्रसाद गुप्ता ने "यहाँ हर मोड़ पर एक रहनुना बैठा मिलेगा,मुसाफिर को कहाँ फिर भी सही रास्ता मिलेगा,तरक्की तो वसूलेगी यूँ कीमत आदमी से,वो हिस्सा भीड़ का होगा मगर तनहा मिलेगा"ग़ज़ल के साथ अपनी कई रचनाएं सुनायी।अध्यक्षता कर रहीं डॉ0गीता सिंह ने अपनी हस्ताक्षर रचना "पीड़ा जो आज मिली है, आलिंगन उसका कर लो,कर पीड़ा को ही वन्दन ,मानस मदिरा से भर लो"सुनाकर स्त्री जीवन के पक्ष को रखा।कार्यक्रम में स्वागत भाषण श्री संजय यादव जिला उपाध्यक्ष भाजपा आजमगढ़ जी द्वारा तथा आभार श्री के.एन. पाठक के द्वारा किया गया। कार्यक्रम का संयोजन डॉ0विनम्र सेन सिंह ने एवं संचालन श्री प्रभुनारायण पाण्डेय 'प्रेमी'जी ने किया। कार्यक्रम में डॉ0अभिषेक, श्री अवनीश त्रिपाठी, श्री कमलेश निषाद,श्री अशोक यादव,श्री मनोज उपाध्याय, श्री मिथिलेश सिंह और श्री रामजतन जी की उपस्थित थे।