छोड़ने के खेल में पटरंगा पुलिस की सीएम से शिकायत

in #ayodhyacrime2 years ago

पीड़ित पक्ष ने पुलिस से रुपये वापस कराने की लगाई गुहार
सीओ बोले जांच तो थानाध्यक्ष ने कहा आरोप बेबुनियाद
अयोध्या।नाबालिग लड़कियों को भगाने के आरोपी से मुकदमे में नाम हटाने के बाबत रुपये वसूलने का मामला प्रकाश में आया है। रुपये वापस दिलाने व पटरंगा पुलिस पर कार्रवाई के लिए पीड़ित पक्ष ने मुख्यमंत्री को शिकायती पत्र भेज कर गुहार लगाई है। इस बाबत रुदौली सीओ ने जांच होने औऱ पटरंगा थानाध्यक्ष ने बेबुनियाद आरोप की बात कही है।मामला जिले के पटरंगा थाने के एक गांव का बताया जा रहा है। शिकायती पत्र के मुताबिक IMG-20221031-WA0120.jpgरुदौली सर्किल के एक दफियापुर से दो नाबालिग लड़कियों के 23 अक्टूबर 22 को गायब होने की तहरीर 24 अक्टूबर को पटरंगा पुलिस को दी गई।लड़कियों की मां ने तहरीर में 50 हजार रुपये नकद और जेवरात लेकर गांव व क्षेत्र के 3 लोगों पर लगाया।मामले को संज्ञान में लेते ही पुलिस ने 24 अक्तूबर 2022 को नूरेन, इरशाद और रिहाना के खिलाफ धारा 363 में मुकदमा पंजीकृत कर लिया। पटरंगा थाना पुलिस ने पंजीकृत मुअसं 211/22 धारा 363 भादवि बढोत्तरी के साथ पाक्सो एक्ट लगाकर पुलिस टीम को लगा दिया। पुलिस टीम के द्वारा मुखबिर की सूचना पर पटरंगा रेलवे स्टेशन से गिरफ्तार कर 29 अक्टूबर 2022 को न्यायालय भेज दिया। जहां इरशाद को अपहरण और बलात्कार के जुर्म में जेल हो गई।
इरशाद के परिवार की मानें तो इरशाद लगभग डेढ़ दो वर्ष से गांधी नगर दिल्ली में काम करता है और ईद के त्योहार पर 15 दिनों के लिए अपने गांव आया था फिर दिल्ली चला गया जहां अपने बहनोई के साथ काम करता था। इरशाद के परिवार ने पुलिस पर यह आरोप लगाया है कि 24 अक्टूबर 2022 को इरशाद के पिता अनीस को पुलिस थाने उठा ले गई और छोड़ने के नाम पर वसूली का खेल शुरू किया। पुलिस टीम ने1.5 लाख रुपये की मांग की जिसमे 21 हजार की व्यवस्था हो पाई। शिकायती पत्र में बताया गया कि इरशाद के भाई जीशान से रुपये लेकर अनीस को 24 की रात को छोड़ दिया और कहा गया कि इरशाद को थाने लाना पड़ेगा। इरशाद अपने बहनोई के साथ 25 अक्टूबर 2022 को दिल्ली से अपने गांव दफियापुर पहुंचा। अगले दिन 26 अक्टूबर 2022 को इरशाद के परिवार वालों ने इरशाद को थाने लेकर आए। थाने में फिर इरशाद के नाम लिखा मुकदमा हटाने के नाम पर रुपए 50 हजार की मांग की गई। कहा है कि इरशाद के परिवार वालों ने 45000/ रुपए की व्यवस्था करके दिया। जिसके बाद शाम को इरशाद को घर जाने दिया। अगले दिन इरशाद को फिर थाने बुलाया गया। इस बार इरशाद के नाम दर्ज हुआ मुकदमा खत्म करने के नाम पर फिर 40 हजार की डिमांड की गई। लेकिन इस बार इरशाद के परिवार वालों ने पैसे की व्यवस्था न होने की बात कह दी। जिससे बात बिगड़ गई और इरशाद को न्यायालय भेज दिया जहां इरशाद को जेल भेज दिया। सीओ रुदौली ने कहा मामले की जांच की जा रही है।