अयोध्या में 14 कोसी परिक्रमा आज इतने बजे से शुरू, जानें धार्मिक और वैज्ञानिक महत्व

in #ayodhya2 years ago

Wortheum news::कार्तिक परिक्रमा मेला की उल्टी गिनती शुरू हो चुकी है। कार्तिक सुदी नवमी के पर्व पर मंगलवार को रात्रि 1.09 अष्टमी के समापन के उपरांत नवमी लगेगी जो बुधवार रात्रि 10.37 तक रहेगी। नवमी लगने के साथ 14 कोसी परिक्रमा के साथ साप्ताहिक मेला का भी शुभारम्भ हो जाएगा। इस परिक्रमा में शामिल होकर अक्षय पुण्य के भागीदार बनने के लिए रामनगरी में श्रद्धालुओं का आगमन शुरू हो चुका है। मंदिरों, धर्मशालाओं से लेकर लॉज और आम नागरिकों के घरों पर भी हजारों श्रद्धालु पहुंच चुके हैं।

मेले के लिए पुलिस-प्रशासन ने जोनल और सेक्टर मजिस्ट्रेटों की तैनाती कर दी है, साथ ही डायवर्जन प्लान भी जारी कर दिया है। माना जा रहा है कि इस बार भारी संख्या में श्रद्धालु 14 कोसी परिक्रमा के लिए आएंगे। हालांकि एक दिन पहले ही वरिष्ठ अधिकारियों व सांसद समेत जनप्रतिनिधियों ने पूरे रूट का दौरा किया है, इसके बावजूद सोमवार की शाम तक इंतजाम दुरुस्त नहीं हो पाए थे। परिक्रमा में किसी भी श्रद्धालु को परेशानी न हो, इसके लिए प्रशासन ने सभी विभागों को अलर्ट कर दिया गया है। इस बीच अन्तर्राष्ट्रीय रामकथा संग्रहालय में मेला कंट्रोल रूम शुरू हो चुका है। पूरे मेला क्षेत्र की निगरानी भी सीसीटीवी कैमरों से की जा रही है और ध्वनि विस्तारण यंत्र के जरिए सूचनाओं का आदान-प्रदान भी हो रहा है।

परिक्रमा का धार्मिक ही नहीं वैज्ञानिक महत्व भी है

कहा जाता है कि परिक्रमा के पग-पग पर जन्म-जन्मान्तर के पापों का नाथ हो जाता है। परिक्रमा हमेशा घड़ी की सुई की दिशा में ही की जाती है तभी हम दक्षिण दिशा की ओर आगे बढ़ते हैं। हिंदू मान्यताओं के आधार पर ईश्वर हमेशा मध्य में होते हैं। यह स्थान प्रभु के केंद्रित रहने का अनुभव प्रदान कराता है। वैज्ञानिकों के अनुसार प्रत्येक धार्मिक स्थल पर कुछ विशेष ऊर्जा होती है। यह ऊर्जा मंत्रों एवं धार्मिक उपदेशों के उच्चारण से पैदा होती है। धार्मिक स्थल की परिक्रमा से वहां वहां मौजूद सकारात्मक ऊर्जा मिलती है।