कोरोना महामारी के बाद योग करने वालों की बढ़ी संख्या 65 प्रतिशत लोग नियमित करने लगे योग

in #ayodhya2 years ago

WhatsApp Image 2022-06-21 at 6.46.02 AM.jpegआठवें अन्तराष्ट्रीय योग दिवस पर कई करोड़ लोगों ने मंगलवार को योगभ्यास किया। पूरे प्रदेश में 75 हजार से अधिक स्थानों पर सार्वजनिक कार्यक्रमों में हिस्सा लेकर योग और व्यायाम किया। इसमें से करीब 65 प्रतिशत ऐसे लोग है जो नियमित योग व्यायाम कर रहे है। अवध विश्वविद्यालय के योग विभाग के अनुसार कोरोना काल के बाद 65 फीसदी लोग स्वस्थ रहने के लिए योग का सहारा ले रहे हैं। अब रोजाना विभिन्न कालोनियों के छोटे-बड़े पार्क, मैदान, सोसायटी, क्लब व अन्य स्थानों पर सुबह निशुल्क योग शिविर लग रहे हैं। इन शिविर में सभी आयु वर्ग के लोग शामिल हो रहे हैं। बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक में योग करने के प्रति जागरूकता आई है।

कोरोना से बचने के लिए लोग करने लगे योग
कोरोना की पहली व दूसरी लहर के दौरान वायरस ने उन लोगों को अपनी गिरफ्त में लिया था, जिनकी इम्युनिटी कमजोर थी। साथ ही इम्युनिटी कमजोर लोगों को ठीक होने में भी काफी समय लगा, जबकि इसके मुकाबले स्वस्थ व इम्युनिटी अच्छी होने वाले लोगों ने कोरोना को जल्दी मात दी। इसी को देखते हुए लोगों स्वस्थ रहने के प्रति जागरूक हुए हैं। विश्वविद्यालय के योग विभाग के प्रोफेसर और योगाचार्य डॉ अतुल कुमार त्रिपाठी बताते है कि उत्तर प्रदेश समेत पूरे भारत में पिछले तीन वर्षों में 1 लाख 75 हजार से अधिक योगाभ्यास सेंटर खुले है। जहां योग और व्यायाम के जानकार लोगों को प्रशिक्षण दे रहे है। इसमें ज्यादातर शिविर निशुल्क है। यह शिविर छोटे बड़े पार्क, खाली मैदान, ग्रुप हाउसिंग की सोसायटी, क्लब व अन्य स्थानों पर चलते हैं। इनमें लोगों को इम्युनिटी बढ़ाने व स्वस्थ रहने वाले योगासन कराए जाते हैं।

योग अध्यापकों की बढ़ी मांग
डॉ अलोक तिवारी बताते है कि देश ही नहीं अपितु पूरी दुनिया में पिछले तीन वर्षों में योगाध्यापकों की मांग बढ़ गई है। कॉलेज और विश्वविद्यालयों में योग व्यायाम से प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले छात्रों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है। उत्तर प्रदेश के विभिन्न संस्थानों में प्रतिवर्ष 2 लाख 10 हजार से अधिक छात्र प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे है।

महान परंपरा को विश्व भर के लिए उपयोगी
उत्तर प्रदेश योग एसोसिएशन के महासचिव यश पाराशर बताते है कि योग चिकित्सा नहीं, योग आत्मविकास का सबसे बड़ा माध्यम है। ऐसे दौर में जब भौतिकता की अंधी दौड़ में निरंतर मन भटकता है, मानसिक शांति एवं संतोष के लिए योग सर्वथा उपयोगी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल पर यूनेस्को ने भारत की इस महान परंपरा को विश्व भर के लिए उपयोगी मानते हुए बाकायदा विश्व योग दिवस की घोषणा की। यह हमारी परंपरा और संस्कृति की वैश्विक स्वीकार्यता है।
कोरोना के बाद लोग सेहत के प्रति हुए गंभीर
एसोसिएशन के महासचिव यश पाराशर कोरोना के बाद लोग अपनी सेहत के लिए ज्यादा गंभीर हुए हैं। इसलिए वह योग शिविर तक पहुंच रहे हैं। जिससे योगाचार्यों की भी जरूरत होने लगी है। वह बताते हैं कि उनकी एसोसिएशन योग को बढ़ावा देने के लिए लगातार प्रयास कर रही है। इसके लिए अभियान भी चलाया जाता है, ताकि लोग इन शिविर में ज्यादा से ज्यादा आए और योग के प्रति जागरूक हुए।

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