रामजन्मभूमि कॉरीडोर से निखरेगी अयोध्या की धार्मिक आभा
अयोध्या। राममंदिर जाने वाले तीनों मार्गों को विकसित करने का काम तेज हो गया है। रामपथ, जन्मभूमि पथ व भक्तिपथ को विकसित करने के काम में तेजी लाने का निर्देश सीएम योगी आदित्यनाथ ने एक दिन पहले ही दिया है।
जिसके बाद गुरुवार को डीएम नितीश कुमार ने बैठक कर अधिकारियों को मार्ग निर्माण के काम तेज करने की सख्त हिदायत दी। रामजन्मभूमि कॉरीडोर न सिर्फ अयोध्या की भव्यता बढ़ाएगा बल्कि रोजगार के भी अवसर बनेंगे।
सबसे पहले राम जन्मभूमि पथ का निर्माण शुरू होगा। जिसकी निविदा निकाली जा चुकी है। इसके बाद भक्ति पथ और रामपथ को विकसित करने का काम होगा। रामजन्मभूमि कॉरीडोर के निर्माण के लिए योगी सरकार ने 700 करोड़ की धनराशि स्वीकृत कर दी है।
राममंदिर के तीनों मार्गों को विकसित करने के दौरान विस्थापित हो रहे दुकानदारों को सौहार्दपूर्ण ढंग से स्थानांतरित करने की योजना पर प्रशासन काम कर रहा है। ये तीनों मार्ग स्मार्ट रोड के रूप में विकसित किए जाएंगे।
स?कों के कायाकल्प से हर साल अयोध्या आने वाले करोड़ों भक्तों के लिए आवागमन सुगम होगा व जाम से भी लोगों को निजात मिलेगी। इन स?कों के निर्माण से जो दुकानदार विस्थापित हो रहे हैं उन्हें स्थापित करने के लिए प्रशासन 700 दुकानें भी बनवा रहा है।
रामजन्मभूमि कॉरीडोर का काम अगले दो महीने में शुरू हो जाएगा। जन्मभूमि पथ के लिए टेंडर प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। इस मार्ग को बंद कर दिया गया है, क्योंकि बारिश व गड्ढों के चलते इस पर आवागमन कठिन हो गया था।
तीनों सड़कों के किनारे पाथ-वे और डिवाइडर पर हरियाली नजर आएगी। तीनों मार्गों को धार्मिक चित्रों, कलाकृतियों से सजाया जाएगा। डिवाइडरों पर आधुनिक किस्म की स्ट्रीट लाइटें लगेंगी। शाम होते ही दुधिया रोशनी में अयोध्या जगमगा उठेगी। मल्टीलेवल पार्किंग, पाथ-वे सहित बैठने की व्यवस्था होगी।
शासन स्तर से राममंदिर के तीनों मार्गों के निर्माण की डेट लाइन भी तय कर दी गई है। सीएम योगी आदित्यनाथ ने साफ कहा है कि सुग्रीव किला से रामजन्मभूमि तक जाने वाले जन्मभूमि पथ का निर्माण मार्च 2023 तक पूरा हो जाना चाहिए।
इसी तरह शृंगारहाट से रामजन्मभूमि तक जाने वाले भक्तिपथ को अक्तूबर 2023 तक विकसित करने व सहादतगंज से नयाघाट जाने वाले रामपथ को दिसंबर 2023 तक पूरा करने का निर्देश जारी किया गया है।
शृंगारहाट से रामजन्मभूमि तक जाने वाले भक्तिपथ को विकसित करने का रास्ता साफ हो चुका है। इस मार्ग पर करीब 350 दुकानें आ रही हैं। भवन स्वामियों व दुकानदारों को मुआवजा दिया जा चुका है।
जिनकी दुकान के पीछे जगह बची है, वे स्वयं ही अपने भवन के आगे के हिस्से को तोड़ रहे हैं। ऐसे दुकानदार जो पूरी तरह से विस्थापित हो रहे हैं, उन्हें अभी रोका गया है। जब तक उन्हें स्थापित करने की व्यवस्था नहीं हो जाती तब तक उनकी दुकानें नहीं हटाई जाएंगी।
एडीएम प्रशासन अमित सिंह ने बताया कि 30 अगस्त तक यह मार्ग पूरी तरह से साफ हो जाएगा और चौड़ीकरण का काम भी जल्द शुरू होगा। सहादतगंज से नयाघाट तक जाने वाले 13 किमी लंबे रामपथ को विकसित करने का काम अंतिम चरण में किया जाएगा।
इसके लिए भी धन स्वीकृत किया जा चुका है। इस सड़क के चौड़ीकरण की जद में करीब तीन हजार दुकानदार आ रहे हैं। इस मार्ग पर सर्वे के लिए पीडब्लूडी की तीन टीमें लगाई गई हैं।
जो दुकानदारों की सूची बना रही हैं ताकि मुआवजा आदि की राशि तय की जा सके, लोगों से सहमति पत्र लिया जा रहा है। रामनगरी के व्यापारी रामजन्मभूमि कॉरीडोर निर्माण के पक्ष में हैं, लेकिन उनका कहना है कि इसमें व्यापारी हित की भी चिंता होनी चाहिए।
व्यापारी धीरज राजपाल बोले कि राममंदिर के तीनों मार्गों को विकसित करने के दौरान करीब 3500 दुकानें उजड़ेंगी। ऐसे में इनके पुनर्वास की समुचित व्यवस्था होनी चाहिए। व्यापारियों को विस्थापित करने से पहले उन्हें स्थापित किया जाना चाहिए।
सराफा व्यवसायी पंकज गुप्ता ने कहा कि रामजन्मभूमि कॉरीडोर से निश्चित ही अयोध्या की भव्यता बढ़ेेगी। आर्थिक संपन्नता का भी मार्ग प्रशस्त होगा, लेकिन स्थानीय दुकानदारों की सुविधा का भी प्रशासन को ध्यान रखना होगा।
व्यापारी सत्येंद्र गुप्ता ने कहा कि पूर्ण रूप से विस्थापित हो रहे दुकानदारों को पहले ही दुकानों का आवंटन कर देना चाहिए। जिससे उनके भविष्य की चिंता दूर हो जाएगी।
व्यापारी आकाश यादव का कहना है कि मुआवजा राशि इस तरह तय की जाए कि दुकानदारों को पुनर्वास में कोई दिक्कत न हो। केवल मालिक को ही नहीं बल्कि दुकानदार को भी मुआवजा दिया जाना चाहिए।
राममंदिर जाने वाले तीनों रास्ते
रामपथ- सहादतगंज से नयाघाट - लंबाई 13 किमी.
जन्मभूमि पथ- सुग्रीव किला से राममंदिर- लंबाई दो किमी.
भक्तिपथ- शृंगारहाट से श्रीरामजन्म भूमि- लंबाई 850 मीटर
रामपथ, जन्मभूमि पथ व भक्तिपथ को विकसित करने की कवायद तेज हो गई है। रामपथ के लिए तीन टीमें सर्वे का कार्य कर रही हैं। भक्तिपथ के निर्माण का रास्ता साफ हो गया है। वहीं जन्मभूमि पथ के निर्माण के लिए भी निविदा निकाली जा चुकी हैं। विस्थापित हो रहे दुकानदारों को स्थापित करना प्राथमिकता है। अगले कुछ ही महीनों में रामजन्मभूमि कॉरीडोर आकार लेता नजर आएगा। कॉरीडोर से न सिर्फ भव्यता बढ़ेगी बल्कि रोजगार व आर्थिक तरक्की के द्वार भी खुलेंगे।- अमित सिंह, एडीएम प्रशासन