भारी मिस्टेक हो गया सर… माफ कर दीजिए साहब! नीलामी में ‘जीरो’ बढ़ाकर लगाई बोली

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मथुरा-वृंदावन विकास प्राधिकरण ने तीन दर्जन प्लॉटों की ई-नीलामी रखी जिसमें हिस्सा लेने वालों ने बोली में बड़पोलापन दिखाया और 60 लाख के प्लॉट के लिए लग गई 30 करोड़ तक की बोली लगा दी। इसके बाद अब वे प्राधिकरण के अधिकारियों से ‘गंगाजल’ फिल्म में एसपी अमित कुमार से एसआई मंगनी राम की तरह माफी मांग रहे हैं और कह रहे हैं कि उनसे गलती हो गई।

मथुरा-वृंदावन विकास प्राधिकरण ने गुरुवार से अपनी विभिन्न आवासीय योजनाओं के अंतर्गत तीन दर्जन प्लॉटों की ऑनलाइन नीलामी शुरू की। पहले दिन आठ प्लॉटों का ई-ऑक्शन हुआ, जिसमें एक प्लॉट की बोली 60 लाख रुपये से बढ़कर 30 करोड़ रुपये तक पहुंच गई।

हालांकि, बोली लगाने वाले अब पछता रहे हैं। कई आवेदकों ने विप्रा अधिकारियों को फोन कर कहा कि उन्होंने गलती से एक जीरो दबा दिया। एक प्लॉट की बोली अचानक 3 करोड़ 30 लाख रुपये से 30 करोड़ रुपये पर पहुंच गई, जिससे वास्तविक आवेदकों में हड़कंप मच गया।

नीलामी की प्रक्रिया अब शुक्रवार और 29-30 जुलाई को जारी रहेगी, जिसमें 889 आवेदक शामिल हैं।

बोली लगाने वाले लोगों को कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है यदि वे नीलामी प्रक्रिया में गलत तरीके से बोली लगाते हैं। नीलामी में भाग लेने वाले व्यक्तियों को यह सुनिश्चित करना होता है कि उनकी बोली सही और वैध हो। यदि किसी ने जानबूझकर या गलती से गलत बोली लगाई, तो उन्हें कानूनी दायित्वों का सामना करना पड़ सकता है, जैसे कि संविदा के उल्लंघन के कारण कार्रवाई।

हालांकि, नीलामी के नियम और शर्तें इस बात पर निर्भर करती हैं कि क्या बोली लगाने वाले ने किसी प्रकार की धोखाधड़ी या अनुचित व्यवहार किया है।