विश्व कछुआ दिवस। कछुआ प्रमुख जल शोधक

in #atal2 years ago

पीलीभीत । समाधान विकास समिति विपनेट क्लब के तत्वाधान में आज विश्व कछुआ दिवस के अवसर पर आयोजित जागरूकता कार्यक्रम में शिक्षिका अवंती गंगवार ने बताया कि सन् 2000 से अमेरिकन टार्टवायज रेस्क्यू के आह्वान पर निरंतर विश्व कछुआ दिवस मना रहे हैं। इसका प्रमुख उद्देश्य कछुआ के बारे में जागरूकता बढ़ाना है। कछुआ प्रजाति 200 मिलियन वर्ष पुरानी है। चिड़ियों ,सांपों व छिपकली से पहले इनका अस्तित्व था। प्रकृति ने इन्हें सुरक्षा कवच प्रदान किया है।यह 150 से अधिक वर्ष तक जीवित रहते हैं। कछुए की अधिकतम आयु 226 वर्ष तक हुई है। भारत में ओलिवाडेल, ग्रीन टर्टल ,लागरहेड, हाक्सबिल और लेदरबैक प्रकार के कछुए पाए जाते हैं, इनमें हाक्सबिल संकटग्रस्त है। विश्व में की लगभग 300 प्रजातियां हैं इनमें 129 संकट ग्रस्त हैं। रिसोर्स पर्सन लक्ष्मीकांत शर्मा ने बताया नेपाल और चीन में कछुआ कछुआ की तस्करी होती है। इनकी धार्मिक मान्यता है व इनका उपयोग जादू टोना और तांत्रिक क्रियाओं के लिए होता है। वही कछुओं के कुछ अंश औषधि विशेष बनाने के काम आते हैं। कछुआ जल से हानिकारक बैक्टीरिया व कीटों को खाकर उसे शुद्ध करता है।2022 विश्व कुछ हुआ दिवस की थीम है शैलब्रेट ,सभी से कछुओं प्यार देने व‌ बचाने को कहें।इस अवसर पर आयोजित प्रतियोगिता में राजकुमार मनमोहन, वैष्णवी व कोमल ने श्रेष्ठ प्रस्तुतियां दीं। कार्यक्रम से तिलक के किशोर पीढ़ी को अद्यतन रखने के प्रयासों को गति मिली।IMG-20220523-WA0107.jpg