अखरोट-अंजीर से भी महंगा ये फ्रूट
अखरोट-अंजीर, काजू और बादाम से महंगा फ्रूट। सुनकर हैरान हो गए होंगे। लेकिन, राजस्थान के मारवाड़ इलाके के जालोर में सबसे महंगे खजूर की खेती की जा रही है। पहले जिले में बारिश के सीजन में ही खेती होती थी, लेकिन 2008 में नर्मदा नहर आने के बाद इस इलाके में दूसरी फसलें भी होने लगीं। अब खजूर की खेती में इनोवेशन के जरिए किसान साल के करोड़ों रुपए कमा रहे हैं।
ऐसे ही एक किसान हैं दाता गांव के रहने वाले केहराराम। 10वीं पास किसान केहराराम ने 4 हेक्टेयर में सऊदी और साउथ अफ्रीका के सबसे महंगे खजूर मेडजूल और बरी की खेती शुरू की। ढाई साल में इस पर फ्रूट आना शुरू हो गए और अब सालाना कमाई 3 करोड़ रुपए है।
गुजरात जाकर सीखी तकनीक
केहराराम ने बताया, 2012 में एक टीवी चैनल से आइडिया आया। चैनल पर "किसानों के खेती विशेष कार्यक्रम" के द्वारा इसके बारे में जानकारी मिली थाी। इसके बाद मुझे पता चला कि गुजरात के भुज में इसकी खेती की जा रही है। मैं 2012 में गुजरात गया और खजूर के खेती की जानकारी ली। वहां इजराइली तकनीक पर मेडजूल खजूर की खेती की जा रही है। इसलिए मैंने भी मेडजूल की खेती करने का निर्णय लिया।'
सरकार देती है सब्सिडी
2012 में एक पौधे की कीमत 3500 रुपए थी। इसमें सरकार की ओर से 90 प्रतिशत सब्सिडी दी जाती है। इसके बाद किसान कोहराराम ने पौधे ऑर्डर किए और ढाई साल बाद इसकी सप्लाई होने पर इसकी खेती शुरू की।
गोबर और केंचुआ से तैयार करते हैं खाद
खजूर की इस किस्म को ऑर्गेनिक तरीके से तैयार किया जाता है। इसमें किसी भी रासायनिक खाद एवं उर्वरक का यूज नहीं लिया जाता है। गोबर खाद एवं केंचुआ खाद उपयोग ली जाती है। खजूर की यह किस्म राज्य के 12 जिलों जालोर, बाड़मेर, चूरू, जैसलमेर, सिरोही, श्रीगंगानगर, जोधपुर, हनुमानगढ़, नागौर, पाली, बीकानेर व झुंझुनूं में पैदा हो रही है।!
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