भारतीय सेना में गोरखा जवानों की हर हाल में जरूरत, नेपाल नहीं माना तो ऐसे होगी भरपाई

in #army2 years ago

Wortheum news,
नेपाल की तरफ से अभी सेना को गोरखाओं की भर्ती के लिए मंजूरी नहीं दी गई है। अगस्त में दो केंद्रों पर इसकी तैयारी शुरू की गई थी, लेकिन नेपाल सरकार की अनुमति नहीं मिलने पर उसे रद्द करना पड़ा सेना में नेपाली गोरखाओं की भर्ती को लेकर उत्पन्न संकट खत्म नहीं हो रहा है। नेपाल अभी तक इसके लिए तैयार नहीं है। इस बीच सेना में भारतीय गोरखाओं की भर्ती बढ़ाने के विकल्पों पर भी विमर्श शुरू हो गया है। सेना का मानना है कि उसे गोरखा जवानों की हर हाल में जरूरत है। यदि नेपाल इसके लिए तैयार नहीं होता है तो यह जरूरत भारतीय गोरखाओं से पूरी की जाएगी।

नेपाल ने अभी सेना को गोरखाओं की भर्ती के लिए मंजूरी नहीं दी है। अगस्त में दो केंद्रों पर इसकी तैयारी शुरू की गई थी, लेकिन नेपाल सरकार की अनुमति नहीं मिलने पर उसे रद्द करना पड़ा।

नेपाल की आपत्ति नेपाल का कहना है कि अग्निपथ योजना भारत, नेपाल और ब्रिटेन के बीच 1947 में हुए त्रिपक्षीय समझौते का उल्लंघन है, जिसके तहत नेपाली गोरखाओं को भारत और ब्रिटेन की सेनाओं में भर्ती की मंजूरी प्रदान की गई है। नेपाल की चार साल की सेवा को लेकर आपत्ति है, जिसके बाद जवान बेरोजगार हो जाएंगे।

इसलिए गोरखा जरूरी

सेना की सात गोरखा रेजिमेंट हैं, जिनमें से छह आजादी से पहले की हैं। इन रजिमेंट में 39 बटालियन हैं। इनमें 32 हजार नेपाली गोरखा जवान तैनात हैं। युद्ध में गोरखाओं की बहादुरी और दुर्गम भौगौलिक परिस्थितियों में लड़ने की क्षमता के कारण वे सेना की रीढ़ माने जाते हैं।