चरम में पहुंची पंचायतों में मनमानी

in #arbitrariness2 years ago

मण्डला। त्रिस्तरीय पंचायती राज की व्यवस्था मध्यप्रदेश के मण्डला जिले में ध्वस्त हो चुकी है। धांधलीबाजों का साम्राज्य स्थापित हो चुका है। फर्जी तरीके से कई काम हो रहे हैं। सरकारी योजनाओं में भारी भ्रष्टाचार किया जा रहा है। योजनाओं का लाभ सभी जरूरतमंदों को नहीं मिल पा रहा है। खासकर ग्राम पंचायतों में सरपंच सचिव व रोजगार सहायक लगातार मनमानी धांधली व लापरवाही कर रहे हैं। इसके बाद भी इन पर नकेल कसने के लिए कोई परिणामकारी कार्यवाही शासन प्रशासन द्वारा नहीं की जा रही है। सरपंच सचिव रोजगार सहायक नियमित रूप से ग्राम पंचायत कार्यालय भवन में निर्धारित दिन व समयानुसार नियमित रूप से उपस्थित नही हो रहे हैं। कभी कभार आकर कुछ समय तक उपस्थित होकर गायब हो रहे हैं। अधिकांश ग्राम पंचायतों में रोजगार सहायक, सचिव का प्रभार संभाले हुए है। जिसकी वजह से भी कई कार्य प्रभावित हो रहे हैं।

पंचायत समन्वयकों को बदला नहीं जा रहा है। पंचायत इंस्पेक्टर प्रत्येक ग्राम पंचायत में जाकर नियमित रूप से जांच पड़ताल नहीं कर रहे हैं। जनपद व जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन के अधिकारी व शासन प्रशासन के लगभग सभी आला अधिकारी भी ग्राम पंचायतों में कराए गए व कराए जा रहे सभी विकास कार्यों का नियमित रूप से निरीक्षण नही कर रहे हैं। यही वजह है कि ग्राम पंचायतों में मनमानी चल रही है और धांधली चरम सीमा पर पहुंच गई है। अधूरे कामों को पूरा नहीें कराया जा रहा है। ठेकेदार फर्जी तरीके से ग्राम पंचायतों के कार्य जनपद पंचायत, जिला पंचायत व ग्राम के सरपंच, सचिव व रोजगार सहायक की सांठगांठ से लगातार कर रहे हैं। जिन कामों को ग्राम पंचायतों के द्वारा किया जाना चाहिए उन्हें ठेकेदार करा रहे हैं। इन पर नकेल कसने की कोई कार्यवाही नहीं की जा रही है।

निर्माण कार्यों में इनके द्वारा गुणवत्ता को ताक में रखा जा रहा है और डस्ट का भारी उपयोग निर्माण कार्यों में ठेकेदार द्वारा ग्राम पंचायतों में किया जा रहा है। पंचायत भवनों की हालत खस्ता है सभी योजनाओ के क्रियान्वयन में भारी लापरवाही ग्राम पंचायतों में बरती जा रही है और शासन प्रशासन द्वारा बिलकुल भी ध्यान नहीं दिया जा रहा है। जनापेक्षा है ग्राम पंचायत कार्यालयों में सरपंच सचिव व रोजगार सहायक की उपस्थिति नियमित की जाए व इस संबंध में औचक निरीक्षण भी की जाए। सभी तरह की योजनाओं में चल रही लापरवाही को दूर करते हुए योजनाओं का क्रियान्वयन सही तरीके से किया जावे ऐसी जनापेक्षा है।