बाढ़ प्रभावित 40 किसानों को उपलब्ध कराई गई राहत राशि
गोंडा 2 सितंबर : (डेस्क) गोंडा में घाघरा नदी के कटान के कारण किसानों की फसल नदी में समा गई। जिलाधिकारी ने अधिकारियों को मौके पर भेजकर पूरी घटना की रिपोर्ट लेने का निर्देश दिया।प्रभावित क्षेत्र के किसानों को राहत पहुंचाने के लिए प्रशासनिक कदम उठाए जा रहे हैं।
गोंडा में घाघरा नदी के कटान ने किसानों के लिए एक गंभीर संकट उत्पन्न कर दिया है, जहां लगभग 100 बीघा फसल नदी में समा गई है। यह घटना कर्नलगंज तहसील क्षेत्र के बहुवन मदार माझा गांव में हुई, जहां नदी के कटाव ने किसानों की मेहनत को बर्बाद कर दिया।
जिलाधिकारी नेहा शर्मा ने इस मामले की गंभीरता को देखते हुए अपर जिलाधिकारी के नेतृत्व में अधिकारियों को मौके पर भेजा। अधिकारियों ने घटनास्थल का निरीक्षण किया और प्रभावित किसानों से बातचीत की। जिलाधिकारी ने किसानों को आश्वासन दिया कि प्रशासन इस संकट से निपटने के लिए आवश्यक कदम उठाएगा और उन्हें उचित सहायता प्रदान की जाएगी।
घाघरा नदी का जलस्तर बढ़ने के कारण कटान की समस्या बढ़ गई है। हाल के दिनों में हुई बारिश और नदियों से आने वाले पानी के कारण नदी का जलस्तर खतरे के निशान के करीब पहुंच गया है। इससे पहले भी कई बार नदी के कटाव ने किसानों की फसल और भूमि को नुकसान पहुंचाया है।
किसान इस स्थिति से चिंतित हैं, क्योंकि उनका जीवन इस फसल पर निर्भर करता है। कई किसानों ने प्रशासन से मांग की है कि उन्हें मुआवजा दिया जाए और नदी के कटाव को रोकने के लिए ठोस कदम उठाए जाएं।
इस घटना ने एक बार फिर यह स्पष्ट कर दिया है कि प्राकृतिक आपदाओं का सामना करने के लिए प्रशासन को अधिक सक्रिय और संवेदनशील होना चाहिए। किसानों की आर्थिक स्थिति को देखते हुए, यह आवश्यक है कि सरकार उन्हें तत्काल सहायता प्रदान करे और भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचने के लिए स्थायी समाधान निकाले।
किसानों की मेहनत और उनके जीवनयापन के लिए यह संकट एक गंभीर चुनौती है, और प्रशासन को इस दिशा में तेजी से कदम उठाने की आवश्यकता है।