अमरनाथ तीर्थयात्रियों में लगाया गया था RFID बैंड, लेकिन अब भी हैं कई लापता
अमरनाथ यात्रा के दौरान बादल फटने की घटना के तीन दिन गुजर गए हैं लेकिन अब भी कई लोग गायब हैं. प्रशासन के पास अब भी उनकी कोई जानकारी नहीं है. हालांकि इस बार सरकार की तरफ से सुरक्षा के लिए रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन डिवाइस (RFID) आधारित ट्रैकिंग सिस्टम लगाया गया था. जमीनी स्तर पर अधिकारियों ने माना है कि आरएफआईडी ऐसी घटनाओं के दौरान उपयोगी साबित नहीं होता है.बचाव अभियान में शामिल एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि बहुत कम ही लगाए गए थे और उसके सिग्नल काम नहीं करते हैं.
अधिकारी के अनुसार, अब तक एकत्र किए गए आंकड़ों से पता चलता है कि लगभग 26,000 लोग पवित्र गुफा की ओर जा रहे थे. लेकिन अगले दिन कितने वापस आए, इसकी मैनुअली गिनती की जा रही है, हेड काउंट अभी भी जारी है और डेटा एकत्र किया जा रहा है.साथ ही उन्होंने कहा कि RFID डेटा स्वचालित नहीं है. हम यात्रियों से आरएफआईडी को अपने गले में लटकाने के लिए कहते हैं, लेकिन उनमें से ज्यादातर इसे अपने बैग या जेब में रखते हैं और इस वजह से डेटा ट्रांसमिशन बाधित होता है. बचाव कार्यों में शामिल सुरक्षा अधिकारियों ने यह भी कहा कि अगर कोई शख्स डूब जाता है या कीचड़ में फंस जाता है जैसे अचानक बाढ़ के बाद हुआ था.