शिवसेना के दो गुटों की लड़ाई में आखिर इतना 'लाचार

in #all2 years ago

हमारे देश के गांवों-कस्बों में पिछले कई बरसों से चली आ रही दो कहावतें आज भी जिंदा है. पहली ये कि न तो खेलेंगे और न ही खेलने देंगे और दूसरी कि न तो खाएंगे और न ही खाने देंगे लेकिन कोई सोच भी नहीं सकता था कि हमारे देश का चुनाव आयोग इन दोनों कहावतों को अपनाते हुए अंपायर की ऐसी भूमिका निभाएगा कि सियासी पिच पर खेल रही एक ही पार्टी