अलीगढ़ खैर जहरीले सर्प ने एक मकान के अंदर घुसकर एक किशोर को काटने से हुई मौत

in #aligarh2 years ago

IMG-20220803-WA0426.jpgभले ही विज्ञान में कितनी भी तरक्की क्यों ना कर ली हो। लेकिन आज भी 21वीं सदी में लोग अंधविश्वास के साए में जी रहे हैं।

ऐसा ही अंधविश्वास एक मामला

अलीगढ़ जिले की तहसील खैर इलाके के गांव शिवाला खुर्द में देखने को मिला हैं। जहां एक जहरीले कोबरा सांप ने एक मकान के अंदर घुस कर मासूम बच्चे को डस लिया। जहरीले सांप के काटे जाने के बाद बच्चे की चीख-पुकार की आवाज सुनकर परिवार के लोग मौके पर पहुंचे तो जहरीले सांप को देख उनके होश उड़ गए। बच्चे के चीखने चिल्लाने की आवाज सुनकर मौके पर पहुंचे परिजनों द्वारा घंटों की मशक्कत के बाद ग्रामीणों की मदद से जहरीले सांप को लाठी-डंडों से दबाकर एक प्लास्टिक के डिब्बे में बंद कर लिया गया और बच्चे को आनन-फानन में उपचार के लिए सीएचसी खेर समेत अलीगढ़ के एक निजी अस्पताल में उपचार के लिए ले जाया गया।जहां डॉक्टरों ने जहरीले सांप के काटे जाने के बाद बच्चे को मृत घोषित कर दिया। बच्चे की मौत की खबर सुनते ही परिवार के लोगों में कोहराम मच गया जिसके बाद मासूम बच्चे की डेड बॉडी को लेकर परिवार के लोग गांव पहुंचे और जमीन में कब्र खोदकर बच्चे की डेड बॉडी को दफन कर दिया गया।

बच्चे की डेड बॉडी को जमीन में दफन करने के बाद अंधविश्वास का खेल शुरू हुआ। जिसके बाद म्रत बच्चे के परिवार के लोग आसपास के गांवों में जहरीले सांपों का जहर निकालने वाले बयागिरो के पास पहुंच गए। बयांगिरो ने मृत बच्चों को जीवित करने का दम भरा और बच्चे के कब्र को खुदवा कर उसकी लाश निकाली गई। लेकिन बयागिरो के द्वारा मृत बच्चे के ऊपर काफी झाड़-फूंक करने के बाद भी उस बच्चे को जीवित नहीं कर पाए जिसके बाद उन बयांगिरो ने भी मृत बच्चे को कई घंटे बाद मृत घोषित करके दोबारा से जमीन में दफन कराया गया।

जानकारी के अनुसार उत्तर प्रदेश के जनपद अलीगढ़ की कोतवाली खैर इलाके के शिवाला खुर्द गांव में काले नाग सांप ने अपने खौफनाक फन से एक मासूम बच्चे को डंस लिया। जहरीले काले सांप के डसने के बाद परिवार के लोग बच्चे को आनन-फानन में उपचार के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र खैर सहित अलीगढ़ के निजी अस्पताल में उपचार के लिए लेकर पहुंचे। जहां डॉक्टरों ने सांप के काटे जाने के बाद बच्चों को मृत घोषित कर दिया। परिवार के लोगों ने गांव लाकर बच्चे के शरीर को जमीन में दफन भी कर दिया। लेकिन सांप के काटे जाने के बाद बच्चे को ही मौत पर परिवार के लोगों को यकीन नहीं हो रहा था कि उनके मासूम बच्चे की मौत हो चुकी है। जिसके बाद अंधविश्वास का खेल शुरू हुआ और परिवार के लोग सांप का जहर निकालने वाले आस-पास के गांव में रहने वाले बयांगिरो के पास पहुंच गए। जहां बयांगिरो ने मृत बच्चे को जीवित करने का परिवार के लोगों को आश्वासन दिया गया। मृत बच्चे को जीवित करने का आश्वासन देने के बाद मृतक बच्चे के गांव पहुंचे बयांगिरो जमीन में दफन बच्चे की कब्र को खुदवा कर उसमें से डेड बॉडी को बाहर निकाल कर अपने गांव ले गए और जहरीले सांप का जहर निकालने की मृत शरीर में से कोशिश की गई। इस दौरान जहरीले सांप के काटे जाने के बाद अमृत बच्चे का शरीर से जहर निकालने के लिए किए जा रहे झाड़-फूंक को देखने के लिए अंधविश्वासी लोगों का जमावड़ा अंधविश्वास के फ़हले मकड़जाल को देखने के लिए मौके पर इकट्ठा हो गया। इस दौरान झाड़-फूंक करने की काफी कोशिश के बावजूद भी मृत बच्चे को जीवित नहीं कर पाए। जिसके बाद बयांगिरो ने भी उस बच्चे को मृत घोषित कर दिया ओर परिवार के लोगों ने बच्चे को लाकर हिंदू रीति रिवाज के साथ अंतिम संस्कार कर दिया गया। जहरीले सांप के काटने के बाद मासूम बच्चे की मौत से परिवार में चीख पुकार और कोहराम मच गया।