राधे डिपार्टमेंटल स्टोर किशन पुर तिराह ने टीबी से ग्रसित इलाज हेतु पांच बच्चे लिए थे गोद

in #aligarh2 years ago

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राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के अंतर्गत क्षय रोगियों की मदद के लिए राधे डिपार्टमेंटल स्टोर किशन पुर तिराहा द्वारा गोद लिए गए सभी 05 क्षय रोगियों को जिला क्षय रोग केंद्र पर में पुनः पोषण सामग्री का वितरण किया गया। डिपार्टमेंटल स्टोर के मालिक राहुल वार्ष्णेय ने बताया कि 05 मरीजों को गोद लेने का कार्य राज्यपाल की प्रेरणा से लिया गया है। पोषण के अभाव में कुछ क्षय रोगी सही नही हो पाते हैं, ऐसे मरीजों को शारिरिक रूप से सही होने में इससे कुछ मदद मिल सके ।

राहुल वार्ष्णेय ने उपस्थित समस्त मरीजों और उनके परिजनों को बताया कि पोषण हेतु मिलने वाली सामग्री का सेवन केवल मरीज व्यक्तिगत रूप से करें। इसके अलावा किसी अन्य स्वास्थ्य संबंधी परेशानी के लिए स्वास्थ्य विभाग को सूचित करें। इसके अतिरिक्त ऐसे सामाजिक संस्थाओं के द्वारा किया जा रहा प्रयास निःसंदेह प्रशंसा योग्य है और अन्य सामाजिक संस्थाओं के लिए भी प्रेरणा योग्य है।

जिला कार्यक्रम समन्वयक सतेंद्र कुमार ने बताया कि हेल्थ विजिटर की निगरानी में दवाओं के साथ निःशुल्क उपचार से करीब पिछले पांच वर्षों में 28,547 से अधिक रोगी बिल्कुल स्वस्थ्य हो चुके हैं। इसमें वर्ष 2021 के 3,412 एवं 2022 के 4,190 सक्रिय टीबी मरीजों का इलाज वर्तमान में चल रहा है, एवं टीबी एक संक्रामक बीमारी है, जो एक दूसरे से फैलती है। इसका इलाज पूरा नहीं होने पर परिवार के अन्य सदस्यों में भी बीमारी होने की संभावना रहती है। यदि परिवार में कोई मरीज है तो उससे परिवार के अन्य सदस्यों से अलग रखें इसके अतिरिक्त पोषण सामग्री वितरण पर पारुल जिंदल का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि क्षय रोगियो हेतु ऐसे लोगों को आगे आना होगा जिससे वर्ष 2025 तक अपने लक्ष्य को पूरा कर सकें।

मेडिकल कॉलेज की सीनियर मेडिकल ऑफिसर डॉ. अतिया रोशन ने बताया कि टीबी रोगियों को गोद लेने के लिए भी समुदाय को प्रोत्साहित किया जा रहा है। जिले में इस साल 1132 क्षय पीड़ितों को विभिन्न सामाजिक ससंगठनो, अधिकारियों द्वारा गोद लिया गया है। जिले में जियो टैगिंग के माध्यम से ली जा रही स्वास्थ्य की जानकारी, जांच में टीबी पाए जाने के उपरांत हेल्थ विजिटर द्वारा मरीज को दवा व कार्ड मुहैया कराया जा रहा है। ऐसे मरीज के मोबाइल नंबर से संपर्क कर, उन्हें दवा व जांच के समय आने की सूचना भी दी जा रही है। मरीज का दो महीने के बाद फॉलोअप भी शुरू किया जा रहा है, जिसकी जियो टैगिंग की जा रही है।

कार्यक्रम में जिला टीबी/एचआईवी समन्वयक नईम अहमद, डीटीसी एसटीएलएस कुलदीप शर्मा,डीटीसी एसटीएस विशाल विक्रम सिंह, आदि लोग उपस्थित रहे।