टीबी के इलाज के बाद मां बनना संभव

in #aligarh2 years ago

IMG-20220729-WA0021.jpg
अलीगढ़, 29 जुलाई 2022: टीबी एक गंभीर बीमारी है और कोई भी इसकी चपेट आ सकता है। इस बीमारी की चपेट में गर्भवती महिलाएं भी आ सकती हैं। यदि सही समय पर टीबी का पता चल जाए, तो इसका इलाज संभव है। साथ ही भ्रूण के विकास में कोई बाधा न आए और डिलीवरी के बाद मां अपने शिशु को आसानी से स्तनपान करा सके। यह कहना है जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. अनुपम भास्कर का ।

डीटीओ ने बताया कि टीबी से ग्रस्त महिला संक्रमण के दौरान ही यदि गर्भवती हो जाती है, तब भी इसका इलाज संभव है। उन्होंने कहा कि कोशिश करें कि टीबी संक्रमण के दौरान गर्भधारण से बचें। हालांकि, यह रोग अब लाइलाज नहीं है। समय से उपचार हो जाने पर यह बीमारी पूरी तरह से ठीक हो जाती है। डीटीओ ने कहा कि अगर गर्भवती महिला में टीबी के लक्षण दिखाई देते हैं तो इलाज में देरी नहीं करनी चाहिए। यह देरी गर्भस्थ शिशु और मां के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक सिद्ध हो सकती है। उन्होंने बताया कि टीबी के लक्षण दिखाई देने पर फौरन इलाज शुरू कर दें, टीबी का इलाज सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर नि:शुल्क उपलब्ध है।

जिला कार्यक्रम समन्वयक सतेन्द्र कुमार ने कहा - कि लगातार दो हफ्तों से खांसी का आना और आगे भी जारी रहना, शाम को बुखार आना, छाती (सीने) में दर्द की शिकायत होना, लगातार वजन घटना, सांस फूलना टीबी के लक्षण हैं। उन्होंने बताया कि टीबी की बीमारी को क्षय रोग भी कहा जाता है, ये एक बड़ी संक्रामक बीमारी है। यह बीमारी एक प्रकार के माइक्रोबैकटेरियम ट्यूबरयुक्लोसिस बैक्टीरिया (जीवाणु) के कारण होती है। यह टीबी अधिकतर फेफड़े पर ही असर करती है। फेफड़ो में होने वाली टीबी को पल्मनेरी टीबी कहा जाता है और अगर यह शरीर के किसी दूसरे भाग में होती है तो इसे एक्स्ट्रा पल्मोनरी ट्यूबरयुक्लोसिस टीबी कहा जाता है।