अलीगढ़ हिंदू महासभा ने जुम्मे की नमाज को बताया आतंकियों की नमाज

in #aligarh2 years ago

IMG-20220605-WA0035.jpgअलीगढ़: कानपुर में जुमे की नमाज़ के बाद हुई हिंसा को लेकर अखिल भारत हिन्दू महासभा के कार्यकर्ताओं ने थाना गांधी पार्क इलाके के बिदास कंपाउंड मैं अपने कार्यालय पर खून से देश के राष्ट्रपति को पत्र लिखा है। जिसमें जुमे की नमाज़ को बंद करने व प्रतिबंध लगाने की मांग की है। विवादित शब्द का अप्रयोग करते हुए हिन्दू महासभा ने कार्यालय पर जुमे की नमाज़ को आतंकियों की नमाज़ जैसे शब्दों के पैम्फलेट लगाकर विरोध किया है।इसके साथ ही पत्र में सालों पहले 1946 से लेकर 1989 तक की घटनाओं में जुमे की नमाज़ के बाद कि तकरीरों को ज़िम्मेदार बताया है,

जानकारी के अनुसार उत्तर प्रदेश के जनपद कानपुर में दरअसल पिछले दिनों जुमे की नमाज के बाद हुई हिंसा को लेकर आज हिंदू महासभा के कार्यकर्ता व राष्ट्रीय सचिव पूजा शकुन पांडे और राष्ट्रीय प्रवक्ता अशोक पांडे ने एक पत्र राष्ट्रपति के नाम खून से लिखा है, पत्र में पूजा शकुन पांडे ने जुमे की नमाज पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है, विवादित शब्दों का प्रयोग करते हुए पूजा शकुन पांडे ने जुमे की नमाज को आतंकियों की नमाज बताया है, इस दौरान हिंदू महासभा ने अपने कार्यालय में विवादित पोस्टर भी लगाए है, देश में पुराने वक्त में हुई घटनाओं को लेकर उन्होंने कहा, जुमे की नमाज के बाद होने वाली तकरीर को जिम्मेदार ठहरा है, इस पत्र के माध्यम से उन्होंने उचित कार्यवाही की मांग की है, आगे पूजा शकुन पांडे ने कहा है, जुमे की नमाज के बाद कानपुर में हुई घटना ने हमारी सहनशक्ति को तोड़ दिया है, चाहे आजादी से पहले की बात हो या फिर आजादी के बाद, हमने कुछ घटनाक्रम अपने पत्र में चयनित किए हैं, इतिहास इस बात का गवाह है, जुम्मे की नमाज ना होकर यह आतंकी दिवस बन गया है, जुम्मे की नमाज में इबादत के नाम पर यह लाखों की तादात में लोग इकट्ठा होते हैं, हिंदुओं पर कैसे जुल्म किया जाए, कैसे लूटपाट की जाए, कैसे उपद्रव मचाया जाए, यह सारी तकदीर होती है, जितना यह देश में हिंदुओं का नुकसान कर रहे हैं, इन सब को ध्यान में रखते हुए तत्काल जुमे की नमाज पर रोक लगनी चाहिए, इस दौरान राष्ट्रपति के नाम एक ज्ञापन भी सौंपा है, हिंदू महासभा ने इस दौरान विवादित टेंप्लेट भी अपने कार्यालय में लगाए हैं।

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