अलीगढ़ 20 साल पुराने मारपीट के मामले में दो लोगों को सजा, लंबे संघर्ष के बाद मिला महिला को न्याय

in #aligarh2 years ago

images (11).jpegअलीगढ़ में जिला एवं सत्र न्यायालय की एससी/एसटी एक्ट की विशेष अदालत ने 20 साल पुराने एक मामले में 2 लोगों को दोषी करार देते हुए 6-6 महीने के कारावास की सजा से दंडित किया गया है। इसके साथ ही अदालत ने दोनों लोगों पर आठ-आठ सौ रुपये के जुर्माने से भी दंडित किया गया है।

उत्तर प्रदेश के जनपद अलीगढ़ से जिला एवं सत्र न्यायालय की एससी-एसटी एक्ट की विशेष अदालत के न्यायाधीश मनोज कुमार अग्रवाल ने 20 साल पुराने मारपीट के एक मामले में दो लोगों को दोषी करार देते हुए 6-6 महीने के कारावास की सजा से दंडित किया है।इसके साथ ही दोनों दोषियों पर आठ-आठ सौ रुपये का जुर्माना भी लगाया है। जिसमें अदालत ने चार-चार सौ रुपये पीड़िता को बतौर क्षतिपूर्ति देने के आदेश दिए गए हैं।

जानकारी के अनुसार उत्तर प्रदेश के जनपद अलीगढ़ के थाना दादों क्षेत्र के गांव गोविंद नगर तराई निवासी पीड़ित महिला चमेली देवी के द्वारा दो लोगों पर थाने पर मुकदमा दर्ज कराया था। पीड़ित महिला ने 20 साल पहले थाने पर पुलिस को दी गई लिखित तहरीर में आरोप लगाते हुए कहा था कि घटना 7 मार्च 2002 की है जब मूलरूप से पंजाब राज्य के जिला अमृतसर के तहसील तरनतारन के थाना चिवाड़ इलाके के गांव कोत निवासी जागीर सिंह ओर उसके बेटे सोनू ने अलीगढ़ जिले के थाना दादो क्षेत्र के गांव गोविंद तराई के कांता सिंह व पीलीभीत के थाना माधोताड़ा के रामनगर निवासी पम्मा ने उसके पति बहादुर के साथ मारपीट की हैं। पुलिस ने पीड़ित महिला चमेली देवी की शिकायत पर इस मामले में चारों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था। इसके बाद पुलिस ने अदालत में चार्जशीट दाखिल कर दी गई। अदालत में चल रहे मुकदमे के दौरान सोनू की मौत हो चुकी है। जबकि जागीर अदालत में हाजिर नहीं हुआ। जागीर के अदालत में पेश नहीं होने के चलते कोर्ट ने ऐसे में उसकी फाइल अलग कर दी गई। इस मामले में विशेष लोक अभियोजक चमन प्रकाश शर्मा का कहना है कि एससी-एसटी एक्ट की विशेष अदालत के न्यायाधीश मनोज कुमार अग्रवाल ने की अदालत ने सोमवार को सत्र परीक्षण एवं गवाहों के आधार पर कांता व पम्मा को दोषी करार मानते हुए सजा सुनाई है।इसके साथ ही विशेष लोक अभियोजक ने कहा कि हाईकोर्ट ने 20 साल से ज्यादा चल रहे पुराने मुकदमे की सूची मांगी गई थी। इसी के चलते शामिल थाना दादों के इस मुकदमे में अदालत ने अपना फैसला सुनाया है।जबकि मामले में पीड़िता महिला भी लंबे समय से अदालत में चल रहे मुकदमे को लेकर संघर्ष कर रही थीं। जिसके बाद 20 साल बाद उसे न्याय मिल सका है।

Sort:  

चलो देर से ही सही न्याय तो मिला

Justice is justice