आप के साथ अखिलेश यादव उतरेंगे उत्तर प्रदेश चुनाव में
wortheum news, Published by, Jsri krishna , 13 Mar 2022..
समाजवादी पार्टी अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी (आप) के साथ ही शिवपाल सिंह यादव की पार्टी के साथ तालमेल करने के लिए तैयार है.
सपा प्रमुख और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने बीबीसी के साथ ख़ास बातचीत में ये भी संकेत दिया है कि वे किसानों के लिए मुफ़्त बिजली जैसी योजना ला सकते हैं.
अखिलेश यादव का दावा है कि असदुद्दीन ओवैसी की ऑल इंडिया मजलिसे इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के उत्तर प्रदेश में चुनाव लड़ने की योजना से उनके अल्पसंख्यक वोटों पर फ़र्क नहीं पड़ेगा.
मौजूदा भाजपा सरकार को नाकाम बताते हुए उन्होंने ये भी कहा कि आज उत्तर प्रदेश में कांग्रेस के पास अपना कोई ऐसा वोट नहीं है जिसके सहारे वो यहां एक मज़बूत ताक़त के रूप में उभर सके.
अखिलेश यादव से हुई बातचीत की 13 प्रमुख बातें-
बड़े दलों के साथ सपा का अनुभव अच्छा नहीं रहा, इसलिए अब वो छोटे दलों को साथ लेकर चुनाव लड़ेगी. अगर छोटे दलों को साथ लूँगा तो उन्हें सीटें कम देनी पड़ेंगी, बड़े दल सीटें ज़्यादा माँगते हैं और हारते ज़्यादा हैं. छोटे दलों को साथ लाकर बड़ी ताक़त बनकर सपा आने वाले समय में 350 सीटें जीतकर आएगी.
आम आदमी पार्टी अगर साथ आना चाहेगी तो सीटों और प्रत्याशियों पर विचार करेंगे. चाचा (शिवपाल यादव) की एक पार्टी है, उनसे भी पार्टी बात करेगी. उनकी अपनी जसवंत नगर सीट पर सपा प्रत्याशी नहीं उतारेगी.
भाजपा हारने जा रही है क्योंकि उन्होंने अपना संकल्प पत्र कूड़े में फेंक दिया. उस संकल्प पत्र में तो मुख्यमंत्री योगी जी की तस्वीर भी नहीं थी. मेरा इस सरकार से एक ही सवाल है कि अभी किसान की आमदनी कितनी है और उनकी आमदनी दोगुनी कब तक कर देंगे. भाजपा वाले ग़रीब से वोट ले लेते हैं, अमीरों और उद्योगपतियों से नोट ले लेते हैं और सरकारी कंपनियों को बेचकर चोट दे देते हैं
इंटरव्यू के दौरान सपा प्रमुख अखिलेश यादव ... jsrikrishna
अभी तक यूपी सरकार ने हमारी सरकार के कार्यकाल के दौरान हुए काम के उद्घाटन का उद्घाटन किया है और शिलान्यास का शिलान्यास किया है. पूर्वान्चल एक्सप्रेसवे इनका सबसे बड़ा प्रोजेक्ट है मगर आज तक वो प्रोजेक्ट पूरा नहीं कर पाए जबकि ये प्रोजेक्ट समाजवादी पार्टी की सरकार में शुरू हुआ था.
कोविड के समय में काम को लेकर भले ही प्रधानमंत्री मोदी जी मुख्यमंत्री योगी जी की तारीफ़ कर रहे हों मगर कोविड के दौरान सरकार विफल रही. हम पर बाहर न निकलने के आरोप पता नहीं कौन लोग लगा रहे हैं क्योंकि समाजवादी पार्टी ने भी काफ़ी काम किया. हमने ऑक्सीजन, दवाइयाँ और धन तक से सहायता दी.
मुख्यमंत्री ने कोरोना काल में जिन जगहों का दौरा किया वो समाजवादी सरकार में तैयार किए गए अस्पताल थे. सैफ़ई, बाँदा, झाँसी, गोंडा या ख़ुद गोरखपुर में जहाँ कोविड का इलाज चल रहा था वो भी समाजवादी सरकार का बनाया अस्पताल था.
मैंने जब वैक्सीन को बीजेपी की वैक्सीन कहा था तब सरकार ने जल्दबाज़ी में फ़ैसला लिया था और उस समय डॉक्टरों ने भी वैक्सीन पर सवाल उठाए थे. मैं आज भी कहता हूँ कि पहले सरकार ग़रीबों और मज़दूरों को वैक्सीन लगाए और मैं आख़िरी व्यक्ति होऊँगा जिसे वैक्सीन लगनी चाहिए.
इस सरकार ने बिजली बनाई नहीं है बल्कि बिजली महँगी की है. किसानों को मुफ़्त बिजली जैसी सुविधा दी जाएगी तो अर्थव्यवस्था अपने आप आगे बढ़ेगी. इसी तरह ढेरों सरकारी नौकरियाँ ख़ाली हैं उन पर अगर भर्ती हो तो 10 लाख से ज़्यादा रोज़गार के अवसर पैदा हो सकते हैं.
समाजवादी सरकार के दिए 20 लाख लैपटॉप आज लॉकडाउन के समय छात्रों के काम आए हैं. इस बार चुनाव में क्या नई घोषणा होगी ये अभी नहीं बताएँगे वरना भाजपा उसकी नक़ल कर लेगी क्योंकि उनका प्रचार तंत्र काफ़ी तेज़ है और वो उसे अपने नाम से अपना लेगी.
सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के बाद राम मंदिर निर्माण को कोई नहीं रोक सकता. मंदिर तो बनेगा मगर ज़मीन अधिग्रहण मामले में कुछ लोगों ने सवाल उठाए हैं जिसका जवाब बीजेपी या ट्रस्ट के सदस्यों को देना चाहिए. जिन पर सवाल उठा है उन्हें निकाल देना चाहिए या उन्हें इस्तीफ़ा दे देना चाहिए.
असदुद्दीन ओवैसी के आने से मुसलमानों के वोट पर फ़र्क नहीं पड़ेगा. यूपी में ऐसे दल पहले भी आते रहे हैं मगर अल्पसंख्यकों का सपा पर भरोसा है क्योंकि सपा ने उनके लिए काम किया है. जैसे बंगाल में इनका कोई असर नहीं हुआ वैसा ही यहाँ होगा क्योंकि यूपी में बीजेपी और सपा की सीधी लड़ाई है.
बहुजन समाज पार्टी नेता मायावती के जहाँ तक सपा से नाराज़ होने का सवाल है तो नाराज़ तो हमें होना चाहिए मायावती जी की पार्टी से क्योंकि हमारे ही घर के लोग लोकसभा चुनाव हार गए और बसपा ज़ीरो से 10 पर आ गई. मगर पुरानी बातों पर जाना ठीक नहीं है.
कांग्रेस उत्तर प्रदेश में अपना दम लगा रही है मगर उनका वोट कौन सा है? जो कांग्रेस का सिद्धांत है कई मामलों में वही बीजेपी का भी सिद्धांत है. कांग्रेस नेतृत्व को प्रदेश में अभी और काम करना चाहिए.