गुस्ल की रस्म अदायगी के साथ शुरू हुआ शेख सलीम चिश्ती का 452वां सालाना उर्स
आगरा। फतेहपुर सीकरी में हजरत शेख सलीम चिश्ती के 452वें सालानां उर्स की शुरुआत हो गयी है। शुक्रवार अल सुबह पांच बजे मजार शरीफ में गुस्ल की रसम अदायगी की गई जिसके साथ ही उर्स शुरू हो गया। गुस्ल की रस्म सज्जादानशीं रहीस मियां चिश्ती ने की। इसके बाद सन्दल इत्र पोशी, गिलाफ व चादरपोशी के बाद गुलपोशी की रस्म की गयी। इस दौरान हजारों की संख्या में अकीदतमंदों ने चिश्ती की चौखट पर मात्था टेका।
सूफी संत हजरत शेख सलीम चिश्ती की मजार शरीफ पर प्रातः पांच बजे सज्जादानशीं रहीस मियां चिश्ती, पीरजादा अरशद फरीदी चिश्ती द्वारा हजारों अकीदतमंदों द्वारा लाये गये केवड़ा, गुलाब जल से गुस्ल की रस्म अदायगी की गयी, उसके बाद पोंछा व गिरलाल पोशी और सरकारी चादरपेशी व गुलपोशी कर कलम, फातिहा भी पढ़ा गया, जिसके बाद हजरत की शान में शाही कब्बालों द्वारा दरगाह में बेहतरीन कलाम पेश किए गए। इस दौरान वहां मौजूद अकीदतमंदों द्वारा नजराना पेश किया गया। दरगाह की ओर से लोगो में सन्दल, केवड़ा व पौंछा की चीर वितरित किये गये।
अपरान्ह कचहरी परिसर स्थित चिल्लागाह में सज्जादानशी द्वारा 450 वर्ष प्राचीन हजरत शेख सलीम चिश्ती के पटका चोगो बाल व छड़ी की दर्शन व जियारत लोगों को कराई गयी। इनकी जियारत केवल वर्ष में एक बार ही कराई जाती है। गुस्ल की रस्म के साथ ही प्राचीन मेला का शुभारंभ हो गया है। यह मेला पन्द्रह दिन तक चलता है, इसमें 30 अप्रैल को बड़ा मेला उर्स होगा।
गुस्ल की रस्म में हाजी मास्टर बदरूददीन कुरैशी, अंजय गोयल, पूर्व चैयरमेन बदरूददीन कुरैशी, मो. इस्लाम, रमजान उस्मानी, शौकत उस्मानी, अनवर कुरैशी, हाजी पप्पू, मिर्जा भुटटो, चांद कुरैशी, फईम कुरैशी, जाहिद कुरैशी आदि मौजूद रहे।