मुगलों ने किया दफन तो कब्र फोड़ कर निकले भगवान

in #agra2 years ago

मुगलों ने किया दफन तो कब्र फोड़ कर निकले भगवान नाथ सम्प्रदाय का मंदिर जहां माता की गोद में हैं भैरवनाथIMG-20220515-WA0005.jpg, औरंगजेब ने बनवाया था द्वार

पूरे प्रदेश में इस समय मन्दिर और मस्जिद के कई विवाद चल रहे हैं। बनारस की ज्ञानवापी मस्जिद, मथुरा की कृष्ण जन्मभूमि और आगरा के ताजमहल को मुगलों द्वारा तोड़ा गया मंदिर बताया जा रहा है। इन सबके बीच में हम बात कर रहे हैं आगरा के श्री आंनदी भैरव नाथ मंदिर की, यहां की मान्यता है की औरजंगजेब ने यहां आंनदी माता और भैरव नाथ की प्रतिमा को दफन कर दिया था और भगवान कब्र को फोड़कर बाहर निकल आये थे। इसके बाद मंदिर का गेट मुगलों ने बनवाकर दिया था।

आगरा के केंद्रीय हिंदी संस्थान रोड से मऊ रोड के मार्ग पर 1000 वर्षों से अधिक पुराना श्री आंनदी भैरव नाथ मंदिर है। मंदिर के महंत नाथ सम्प्रदाय के योगी निर्वरताई महाराज के अनुसार यहां भगवान परशुराम के पिता जयदग्नि ने शिवलिंग की स्थापना की थी। मंदिर का निर्माण और माता आंनदी व बाबा भैरव नाथ की प्रतिमा की स्थापना विक्रमादित्य जिनके नाम से विक्रम संवत चलता है। उनके भाई उज्जैन के राजा भर्तहरी और उनके भांजे गोपीचंद ने की थी।इस मंदिर में पूजन से लोगों को कर्ज से मुक्ति मिलती है और जीवन में आंनद की उत्पत्ति होती है, ऐसी मान्यता है। यह इकलौता मंदिर है जहां माता की गोद में बाबा भैरव बैठे हुए हैं। यहां हमारे गुरु बाबा शिव सुंदर दास जी की समाधि है। वो पहले ऐसे योगी थे जो अपने योग और सिद्धि के बल पर सशरीर गोलोक गए थे।

औरजंगजेब ने किया था दफन

योगी निर्वताई जी महाराज के अनुसार औरजंगजेब ने मंदिर तुड़वाने शुरू किए थे तो यहां भी हमला किया था और माता व बाबा भैरव की प्रतिमा को यहीं दफन कर दिया था, लेकिन बाबा भैरव नाथ माता के साथ कब्र तोड़कर बाहर आ गए। इसकी बनावट से यह साफ दिखाई देता है की प्रतिमा के नीचे कब्र बनी हुई है। मुगल चमत्कार देखकर ही पीछे हटते थे। बाबा के बाहर आते ही मुगलों पर ततैया का हमला हुआ और उन्हें भागना पड़ा। इसके बाद औरजंगजेब ने मंदिर के गेट और बाबा के कक्ष को बनवाया। सिकंदरा मकबरे को बनवाने से पहले लालकिले के पत्थरों से यह गेट बना था।

कभी 360 मंदिर थे आज 52 बचे

योगी निर्वताई के अनुसार आगरा में भगवान भैरवनाथ के 360 मंदिर हुआ करते थे और कई पर कब्जे हो गए। मुगलों ने कई मंदिरों को तोड़ दिया और आज 52 प्राचीन भैरव मंदिर शहर में हैं। जिनमें बाई पुर में गोरक्ष भैरव, अष्टमात्र भैरव, अंग्रेजो द्वारा नाम रखे गए लॉर्ड भैरव, कंकाल भैरव, काल भैरव आदि प्रमुख हैं।

योगी जी हैं मठ के अध्यक्ष

नाथ सम्प्रदाय के ट्रस्ट योगी महासभा के अध्यक्ष इस मंदिर मठ के अध्यक्ष होते हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के दादा गुरु दिग्विजयनाथ, उनके गुरु बाबा अवैधनाथ और अब खुद योगी आदित्यनाथ अध्यक्ष हैं। योगी निर्वताई महाराज के अनुसार सांसद रहते हुए वो मंदिर में आ चुके हैं।IMG-20220515-WA0004.jpg