ताज पर सुप्रीम कोर्ट में PIL, न्यायालय के आदेशों की अवहेलना को लेकर दायर वाद स्वीकार,26 जून को सुनवाई

in #agra2 years ago

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आगरा। आगरा में शाहजहां उर्स पर ताज में फ्री एंट्री को लेकर उमड़ी थी लाखों लोगों की भीड़. भीड़ ने ताज की सुंदरता और सुरक्षा हुई थी तार—तार. अब अव्यवस्था पर एएसआई के अधिकारी, एडी वीसी के खिलाफ दर्ज हुआ मुकदमा…

आगरा में शाहजहां उर्स के दौरान ताजमहल में फ्री एंट्री को लेकर लाखों लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी थी। तीन दिवसीय उर्स के अंतिम दिन एक मार्च को करीब सवा लाख लोगों ने ताजमहल का दीदार किया था। भीड़ इतनी अधिक थी कि ताज की सुरक्षा और सुंदरता को लेकर सारी व्यवस्थाएं तार—तार हो गई थीं। भीड़ के द्वारा ताजमहल में लगे फूल पौधों, फुव्वारों, जारी रेलिंग आदि को नुकसान पहुंचाया गया। इस अव्यवस्था को लेकर अदालत में मुकदमा दर्ज कराया गया था। इसमें राजकुमार पटेल अधीक्षण पुरातत्वविद कार्यालय, महानदिेशक भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण प्रधान कार्यालय और एडीए वीसी को आरेापित बनाया गया था। धाकरान निवासी उमेशचंद्र वर्मा द्वारा कोर्ट में प्रस्तुति किए गए प्रार्थना पत्र ​पर दर्ज इस मामले में कोर्ट ने अब मुकदमा दर्ज कर लिया है।
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तीन दिन फ्री थी ताज में एंट्री
आगरा के ताजमहल में शाहजहां का 367वां उर्स 27, 28 फरवरी व एक मार्च को मनाया गया था. इस दौरान 27 व 28 फरवरी को दोपहर दो बजे के बाद तो वहीं एक मार्च को पूरे दिन के लिए ताजमहल में पर्यटकों की एंट्री फ्री की गई थी. इस मामले में धाकरान निवासी और सिटीजन फोंरम संस्था के अध्यक्ष उमेश चंद्र वर्मा द्वारा कोर्ट में प्रार्थना पत्र दिया गया. जिसमें कहा गया कि सिटीजन फोरम संस्था आगरा के सतत विकास, पर्यावरण रक्षा एवं प्राचीन स्मारकों के संरक्षण के लिए कार्य करती है. उन्होंने अधिवक्ता मोती सिंह सिकरवार के माध्यम से सीजेएम कोर्ट में प्रार्थना पत्र पेश किया। प्रार्थना पत्र के अनुसार सुप्रीम कोर्ट के आदेशों को दरकिनार कर ताजमहल में शाहजहां उर्स आयोजित किया गया. ताजमहल में फ्री एंट्री होने पर लाखों लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी थी जिसके कारण भीड़ को नियंत्रित करने में एसएसआई और सीआईएसएफ के जवान नाकाम साबित हुए।

प्रार्थना पत्र में कहा गया कि उर्स के अंतिम एक मार्च को करीब सवा लाख लोगों की भीड़ ताजमहल में घुस आई थी. भीड़ ने ताजमहल की सुरक्षा व्यवस्था और सुंदरता को तार—तार कर दिया था। भीड़ ने फूल पौधे, गमला, उद्यान, फव्वारे, ​जालियां, रेलिंग को नुकसान पहुंचाया। यही नहीं सीआइ्रएसएफ के जवानों से भी भीड़ ने बदसलूकी की। भीड़ के कारण ताजगंज और फतेहाबाद मार्ग पर देर रात तक जाम भी रहा। वादी का आरोप है कि एसएसआई आगरा के गलत फैसले से ऐतिहासिक स्मारक को क्षति पहुंची. इसके कारण ताजमहल में फ्री एंट्री से सरकार को लाखों रुपये के राजस्व की हानि भी हुई. प्रार्थना पत्र में इसको लेकर राजकुमार पटेल अधीक्षण पुरातत्वविद्, महानिदेशक भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण प्रधान कार्यालय नई दिल्ली और आगरा विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने को लेकर था। उमेशचंद्र वर्मा द्वारा प्रस्तुत किए गए प्रार्थना पत्र में सीजेएम प्रदीप कुमार सिंह ने परिवाद के रूप में दर्ज कर वादी के बयान पदर्ज करने को पत्रावली पर 26 जून की तारीख नियत की है।