गलत तरीके से पानी के सेवन से हो सकता है कैंसर साथ ही लीवर किडनी और यादाश्त पर प्रभाव...

in #agra2 years ago

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आगरा। आधुनिक समय में प्रतिदिन नयी- नयी टेक्नोलॉजी आ गयी है। हर चीज की कुछ न कुछ कीमत हो चुकी है। एक दौर था जब जल दान किया जाता था। लेकिन आज बोतल बंद पानी के दौर ने जल दान के कॉन्सेप्ट को ही किनारे कर दिया है। मिनरल वॉटर बोतल के नाम से पानी को बेचा जा रहा है। लेकिन ये लोग ये भूल कर रहे हैं कि जिस प्लास्टिक की बोतल बंद पानी को वे शुद्ध समझकर पी रहे हैं दरअसल वो दर्जनों बीमारियों को मोल ले रहे हैं। डायटिशियन सुरभि उपाध्याय के अनुसार पानी को प्लास्टिक बोतल में नहीं रखना चाहिये क्यूंकि उनमें केमिकल और बैक्टीरिया होते हैं। गरम वातावरण के संपर्क में आने पर यह हानिकारक तत्व निकलते हैं जैसे-फ्लोरिड व आर्सेनिक आदि। प्लास्टिक की बोतल में पानी पीने से ब्रैस्ट कैंसर, लिवर कैंसर, पीसीओएस और हॉर्मोन एम्बलांस की शिकायत हो सकती है। यह हमारे मेमोरी पॉवर और इम्युनिटी पर इफ़ेक्ट डालती है।Screenshot_20220606-172534_Google.jpg

मिटटी का मटका या सुरायी

यह परम्परागत विधि है जिसमे पानी को मिट्टी के बर्तन में रखकर उसकी शीतलता का लाभ उठाया जाता है। प्राक्रतिक व प्रकृति से जुड़े होने का एहसास दिलाता है। मिटटी के बर्तन से कैल्शियम, आयरन व सल्फर जैसे लाभकारी खनिज पाये जाते हैं। इसमें कोई केमिकल नहीं होता है। लैड और कैडमियम जैसे तत्व नहीं पाए जाते हैं।

कांच की बोतल

कांच की बोतल में गरम पानी नहीं डालना चाहिए चटकने की संभावना हो जाती है। यह पानी भरने की दृस्टि से अच्छा होता है, यह ठंडा व गरम पानी के तापमान को बनाये रखने में सक्षम होता है। धोने में आसान और अशुद्वियाें की जांच का पता चल जाता है। इसमें पानी ताजा व साफ़ रहता है।

कोई अवषिट गंध व स्वाद नहीं आती है।

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तांबे की बोतल

पानी तांबे की बोतल में रखकर इसे गुणों से युक्त बनाया जाता है। यह पाचन तंत्र व लिवर के लिए अच्छा होता है। यह हीलिंग पॉवर और इम्युनिटी के लिए भी अच्छा होता है। कैंसर में प्रभावशाली है। शरीर की शुद्धता व एंटी इंफ्लेमेटरी के गुणों को शामिल करता है। वात पित्त और कफ में लाभकारी होता है। शरीर में कॉपर की कमी को पूरा करता है और गैस/एसिडिटी में राहत देता है।