क्या दिल्ली के वीभत्स मुंडका अग्निकांड जैसे हादसों को काबू करने में यूपी का फायर विभाग सक्षम है..!

in #agra2 years ago

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प्रदीप कुमार रावत
आगरा/लखनऊ। उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ की सरकार में पिछले 5 साल में कई आयाम स्थापित किए हैं इसको लेकर किसी को कोई संशय नहीं होना चाहिए। भाजपा की योगी सरकार ने कई विभागों का कायाकल्प किया है तो वही उत्तर प्रदेश में इंफ्रास्ट्रक्चर, एक्सप्रेस वे के लगातार होते निर्माण बता रहे हैं कि भविष्य का रोड़ मैप क्या है। वही एक ऐसा भी विभाग है जहां शायद योगी सरकार की नजर अभी तक नहीं पड़ी है जी हां हम बात कर रहे हैं उत्तर प्रदेश अग्निशमन विभाग की जहां पर कुछ अधिकारी पूरे विभाग के आका बने हुए हैं। पिछले दो दशक पर नजर डालें तो उत्तर प्रदेश अग्निशमन विभाग में चुनिंदा अधिकारियों की सूची बोली है और आज भी वही अधिकारी खुरचन नहीं बल्कि रबड़ी खा कर मौज काट रहे हैं।
उत्तर प्रदेश अग्निशमन विभाग जनता से सीधे जुड़ा हुआ महकमा है। इसलिए दमकल विभाग के अधिकारी और कर्मचारियों पर भ्रष्टाचार के आरोप लगते रहे हैं। यूपी फायर सर्विस इस समय बहुत पिछड़ चुका है इसका एक मुख्य कारण है कुछ अधिकारियों की हठधर्मिता और मनमर्जी।। सूत्रों की मानें तो अधिकारियों की शासन में बैठे वरिष्ठ ब्यूरोक्रेट्स तक पहुंचे हैं। यही कारण है कि योगी सरकार में भी दमकल विभाग में पिछले 5 सालों में अधिकारियों की नहीं पदोन्नति हुई है नहीं विभाग को किस तरीके से आगे बढ़ा जाए इस पर काम हुआ है।।
ऐसा नहीं है कि उत्तर प्रदेश की योगी सरकार में फायर स्टेशन के निर्माण नहीं कराए हैं।। भाजपा की योगी सरकार में दर्जनों फायर स्टेशन बने हैं और वर्तमान में भी दर्जनों फायर स्टेशन निर्माणाधीन हैं। योगी सरकार में दमकल कर्मियों के लिए आधुनिक उपकरण की भी खरीद हुई है लेकिन अभी भी हालात इतने अच्छे नहीं हैं कि दिल्ली ऐसे अग्निकांड को झेल सकें ।। इसका मुख्य कारण बताया जा रहा है कि दमकल विभाग के कुछ चुनिंदा अधिकारियों ने शासन को इसकी जानकारी नहीं दी है और न ही उक्त विभागीय अधिकारी दमकल विभाग के कायाकल्प को लेकर सजग दिख रहे हैं।। सूत्र बताते हैं कि जनवरी 2021 में विभागीय अधिकारियों की बैठक हुई थी जिसकी अध्यक्षता स्वयं मुख्यमंत्री ने करते हुए दिशा निर्देश दिए थे ।। बावजूद इसके अभी भी उन दिशा निर्देशों का अनुपालन नहीं किया गया है।।
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सूत्र यह भी बताते हैं कि पिछले 10 वर्षों से उत्तर प्रदेश अग्निशमन विभाग में सीएफओ से उप निदेशक के लिए किसी भी तरह की कोई पदोन्नति नहीं हुई है ।। अब हालात यह हो गए हैं कि यूपी फायर सर्विस में उपनिदेशक के ज़ोन स्तर पर सभी पद खाली हैं इसके साथ ही संयुक्त निदेशक के भी पद खाली चल रहे हैं।। निदेशक के पद खाली है।। जिसके चलते प्रशासनिक व्यवस्थाओं के साथ साथ ज़ोन स्तरीय निर्णय लेने में विभाग नाकाम हो रहा है।। ऐसे में दमकल विभाग उत्कृष्ट कार्यों की अपेक्षा बेमानी है।
बीते दिनों उत्तर प्रदेश सरकार ने माना था कि विभागीय कर्मचारियों और अधिकारियों की पदोन्नति न होने से उनके कार्य करने की क्षमता में प्रभाव पड़ता है और प्रमोशन न होने से कर्मचारियों का मनोबल टूटता है।। तो क्या उत्तर प्रदेश सरकार के ही अधीन आने वाले उत्तर प्रदेश फायर सर्विस के कर्मचारियों और अधिकारियों के लिए नियम अलग हैं..? अगर ऐसा नहीं है तो आखिरकार क्या कारण रहे जो दमकल महकमे के सीएफओ से उप निदेशक और उपनिदेशक से संयुक्त निदेशक के पदों की पदोन्नति नहीं की जा रही है। यह एक यक्ष प्रश्न खड़ा हो गया है।। वहीं विभाग के कई अधिकारियों ने नाम न बताने की शर्त पर बताया कि आखिर हमारे साथ सरकार द्वारा यह सौतेला व्यवहार क्यों अपनाया जा रहा है।
अब सबसे बड़ा सवाल उठता है कि क्या उत्तर प्रदेश का दमकल विभाग दिल्ली में हुए वीभत्स अग्निकांड को काबू करने में सक्षम है ।। ऐसा नहीं है कि उत्तर प्रदेश के दमकल कर्मियों में किसी साहस की कोई कमी है लेकिन जब प्रबंधन ही गड़बड़ हो तो व्यवस्थाएं बदहाल हो ही जाती हैं ।। ऐसा ही कुछ उत्तर प्रदेश के दमकल विभाग में है।।
उत्तर प्रदेश सरकार को चाहिए कि अपने कार्मिकों के मानसिक दबाव को कम करे और वह तभी संभव है जब उनको पदोन्नति मिले,तभी कर्मचारी पूरे मनोयोग के साथ काम कर सकेंगे ।। इसके साथ ही शासन को चाहिए कि ऐसे अधिकारियों को चिन्हित करें जिन्होंने सपा और बसपा शासन में अवैध संपत्ति अर्जित की है और जो पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कमाऊ जनपदों को छोड़ना ही नहीं चाहते उनपर भी गाज गिरनी चाहिए ।। अब देखना होगा कि उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार दमकल विभाग को आधुनिक तकनीक देने, उनको समय पर पदोन्नति देने का निर्णय कब तक करती है ।। ऐसा न हो कि इसमें योगी आदित्यनाथ सरकार देर करे और इसका खामियाजा आम जनता को दिल्ली जैसी वीभत्स घटना को देखना पड़े।।