ध्रुव की तरह दृढ संकल्प सफलता का मार्ग प्रशस्त करता है।

in #agra2 years ago

IMG-20220509-WA0051.jpg

आगरा/पिनाहट मात्र पांच बर्ष की आयु मे ध्रुव जी महाराज ने जब दृढ संकल्प किया तो 6 महीने के अंदर भगवान को दर्शन देने आना पडा।इसी तरह हम कोई कार्य करे।जब हमारा संकल्प मजबूत होगा तो सफलता हमारे किलो मे होगी।यह कहना था वृन्दावन से पधारे अन्तरराष्ट्रीय कथा वाचक तुलसी पीठाधीश्वर कोशिक जी महाराज का।
थाना बसई अरेला क्षेत्र के गांव खादर मे चल रही सप्ताह दिवसीय श्रीमद भागवत कथा के चौथे सोमबार को कोशिक जी महाराज ने बडी मार्मिक व ज्ञानमयी कथाऐ कही।उन्होने ध्रुव चरित्र की कथा के माध्यम से लोगो को समझाया कि हमे प्रत्येक कार्य के लिये मजबूत संकल्प लेना चाहिये कि मे इसे पूरा करके ही रहूगा।उन्होने छात्रो को सम्बोधित करते हुऐ कहा कि मात्र पांच बर्ष की आयु के ध्रुव ने जब दृढ संकल्प कर लिया तो भगवान को प्रकट होना पडा।इसी तरह जब छात्र मजबूत संकल्प करके पढाई करेगे।तो सफलता उनके कदमो मे होगी।उन्होने बताया कि इस संसार मे आज के दौर मे शिक्षा संसार का सबसे बडा धन है।अनपढ ब्यक्ति धनवान होने पर भी बडा निर्धन है।उन्होने बताया कि न चौर हार्यम् न भ्रात भाज्यम,ब्यये कृते बर्धत एव नित्यं।।विद्या धनम सर्व धनम प्रधानम।। विद्या संसार का ऐसा धन है।जिसे न चोर चुरा सकता।न भाई हिस्सा ले सकता है।जितना बांटोगे उतनी ज्यादा बढेगी विद्या रूपी धन संसार का सबसे बडा धन है।और पढा लिखा ब्यक्ति ही स्वच्छ समाज की स्थापना कर सकता है।व राजनीति मे जाकर देश की दिशा और दशा को सही रास्ते पर लाने मे बडी भूमिका निभा सकता है।हमे आपसी लडाई झगडे से दूर रहकर आगे बढ़ने के बारे मे सोचना चाहिये।इस दौरान भगवान शिव का माता सती के साथ विवाह दक्ष प्रजापति द्वारा भगवान भोले के अपमान की कथा सती का यज्ञ मे देहत्याग की कथा प्रह्लाद चरित्र की कथा भगवान का नृसिंह अवतार लेकर प्रहलाद की रक्षा करने की कथा से लोगो को बताया कि इस कथा से हमे ये शिक्षा मिलती है।कि मार्ग मे चाहे कितनी ही परेशानियां आये हमे उनसे घबराकर भागना नसी चाहिये हमे अपने लक्ष्य प्राप्ति की ओर आगे बढना चाहिये।6 मई से प्रारंभ हुई यह ज्ञानगंगा 12 मई तक चलेगी।