भागवत:राजा के लिये सारी प्रजा पुत्र के समान होती है
आगरा: राजा के लिये सारी प्रजा पुत्र के समान होती है। एक न्यायिक व कुशल राजा को अपने परिवार से पहले प्रजा के हितो को ध्यान मे रखकर काम करना चाहिये।
बसई अरेला मे चल रही श्रीमद भागवत के तीसरे दिन शनिवार को कथा बाचक आचार्य सुदर्शनाचार्य जी महाराज ने श्रृध्दालुओ को कथा श्रवण के दौरान महाभारत युद्ध के दौरान सभी कोरवो के मारे जाने पर दुर्योधन के कहने पर अश्वथामा के ब्रहास्त्र से अभिमन्यु की पत्नी उत्तरा के गर्भस्थ शिशु महाराज परीक्षित की भगवान श्रीकृष्ण ने गर्भ मे जाकर रक्षा की।सभी स्वजन को युध्द मे मारने के बाद जब युधिष्ठिर राजगद्दी पर बैठे तो उनके मन मे बडी ग्लानि हुई।तब कुरुक्षेत्र मे बाणो की शैया पर लेटे पितामह भीष्म ने उनको समझाया कि बेटा तुमने वही किया।जो समय ने आपने करवाया।इसमे आपका कोई दोष नही है।अब आज राजा बनकर प्रजा का सुख पूर्वक पालन करो इस दौरान उन्होने राजधर्म के लक्षण भी बतलाये।कि राजा के लिये पूरी प्रजा पुत्र के समान होती है।परिवार से बढकर होती है।9जून से शिरु हुई यह भागवत कथा 15 जून तक चलेगी।जिसका 16 जून को पूर्णाहुति व भण्डारा होगा।परीक्षित सिध्द बाबा व संरक्षक पूर्व विधायक मधुसूदन शर्मा है।यह आयोजन समस्त ग्रामीणो द्वारा कराया जा रहा है।
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