हिमाचल पुलिस कैदी को देती है VIP ट्रीटमेंट!

in #agra2 months ago

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Image credit : Jagran

हिमाचल पुलिस के सिपाहियों ने आगरा में एक कैदी को हथकड़ी लगाकर ताजमहल घुमाने लाने का मामला सामने आया है। यह घटना मंगलवार दोपहर तीन बजे की बताई जा रही है। सफेद रंग की हिमाचल पुलिस की जीप ताजमहल पूर्वी गेट के अमर विलास बैरियर पर पहुंची, जहां से चार पुलिसकर्मी और हथकड़ी लगाए एक कैदी उतरे।

ताज सुरक्षा में तैनात पुलिसकर्मियों ने हथियार के साथ जाने से रोक दिया। इसके बाद एक पुलिसकर्मी हथियार लेकर वहीं स्थानीय पुलिसकर्मियों के साथ बैठ गया, जबकि शेष तीनों कैदी को लेकर ताजमहल की ओर चले गए। उन्होंने टिकट खरीदा और पूर्वी गेट पहुंच गए।

हालांकि, एएसआई और एडीए के कर्मचारियों ने हथकड़ी के साथ कैदी को अंदर ले जाने से मना कर दिया। इसके बाद पुलिसकर्मी बैरंग वापस लौट गए।

कैदी को हथकड़ी लगी थी, लेकिन पुलिसकर्मी उसे खुला छोड़कर चल रहे थे। कैदी खुद हथकड़ी की जंजीर हाथ में लपेट कर आराम से चल रहा था। यह देखकर स्थानीय लोगों ने पुलिसकर्मियों का वीडियो बनाना शुरू कर दिया। इस पर पुलिसकर्मी मोबाइल छीनने का प्रयास करने लगे। लोगों की संख्या बढ़ने पर स्थानीय पुलिसकर्मियों ने उन्हें समझा कर वहां से निकाल दिया।

हिमाचल पुलिस के सिपाहियों द्वारा कैदी को वीआईपी ट्रीटमेंट देते हुए ताजमहल घुमाने लाने पर स्थानीय पुलिस को वहीं रोक देना चाहिए था। सुरक्षा की दृष्टि से उनसे पूछताछ करनी चाहिए थी, लेकिन खाकी को देखकर खाकी को नियमों की अवहेलना और अपराध नजर नहीं आया। उल्टा सिपाहियों की गाड़ी को वहीं खड़ा भी होने दिया गया।

एसीपी ताज सुरक्षा सैय्यद अरीब अहमद ने मामले की जांच कर कार्रवाई की बात कही है। यह घटना पुलिस की जिम्मेदारियों को लेकर सवाल खड़ा करती है। कैदियों की सुरक्षा और उचित व्यवहार सुनिश्चित करना पुलिस का प्राथमिक कर्तव्य है, लेकिन इस मामले में पुलिस ने अपनी जिम्मेदारियों को नहीं निभाया।

हिमाचल पुलिस के द्वारा एक कैदी को हथकड़ी लगाकर ताजमहल घुमाने लाने का कोई कानूनी आधार नहीं था। पुलिस को कैदियों की सुरक्षा और उचित व्यवहार सुनिश्चित करना चाहिए था, लेकिन इस मामले में उन्होंने अपनी जिम्मेदारियों को पूरा नहीं किया।

ताज सुरक्षा में तैनात पुलिसकर्मियों ने हथियार के साथ जाने से रोका, लेकिन हिमाचल पुलिस ने उनकी अवहेलना की। एएसआई और एडीए के कर्मचारियों ने हथकड़ी के साथ कैदी को अंदर जाने से मना किया, लेकिन हिमाचल पुलिस ने उनकी बात नहीं मानी।

इस घटना से पता चलता है कि हिमाचल पुलिस ने कानून का उल्लंघन किया और अपने कर्तव्यों को नहीं निभाया। एसीपी ताज सुरक्षा ने मामले की जांच कर कार्रवाई करने की बात कही है।