अक्षय तृतीया पर बाल विवाह की रोकथाम हेतु एसडीएम की अध्यक्षता में विकास खण्डवार दलों का गठन

in #agarmalwa2 years ago

आगर-मालवा, 27 अप्रैल/ अक्षय तृतीया पर बाल विवाह रोकने के लिए शासन के निर्देशानुसार कलेक्टर श्री अवधेश शर्मा द्वारा जिले के चारो विकासखण्ड़ में बाल विवाह की निगरानी एवं रोकथाम हेतु संबंधित अनुविभागीय अधिकारी राजस्व विभाग की अध्यक्षता में संबंधित तहसीलदार, महिला एवं बाल विकास के परियोजना अधिकारी, खण्ड चिकित्सा अधिकारी, खण्ड शिक्षा अधिकारी तथा पुलिस निरीक्षक को सम्मिलित कर दलों का गठन किया गया है। यह दल जिले में बाल विवाह के आयोजनों पर अंकुश लगाने हेतु लोगों को जागरूक करेगा तथा जिले में बाल विवाह आयोजन को रूकवाएगा।
जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास विभाग ने बताया कि वैवाहिक कार्यक्रमों में सेवाएं देने वाले मैरिज हॉल टैंट व्यावसायी, बैंड-बाजा कैटर्स, प्रिंटिग प्रेस आदि सेवा प्रदातओं को उम्र संबंधित प्रमाण पत्र प्राप्त कर परीक्षण के उपरांत ही विवाह में सेवायें देने हेतु निर्देशित किया है। संचालको के अलावा धर्म गुरूओं से अपील की है कि वैवाहिक आयोजन के पूर्व यह सुनिश्चित करें कि कहीं वर-वधू निर्धारित आयु से कम के तो नहीं है। यदि बाल विवाह होना पाया जाता है तो दोनों पक्षों के अलावा आयोजन में कार्यरत सभी व्यक्तियों पर बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के प्रावधान अनुसार कानूनी कार्यवाही की जाएगी। 03 मई को अक्षय तृतीया पर्व मनाया जाएगा। इस दिन बाल विवाह की आशंका रहती है। बाल विवाह कानूनी अपराध है। बाल विवाह करने पर दो वर्ष का कठोर कारावास एवं एक लाख रूपयें के जुर्माने का प्रावधान है। बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम-2006 के अनुसार विवाह के लिए युवती की उम्र 18 वर्ष एवं युवक की आयु 21 वर्ष होनी चाहिए। इससे कम आयु में विवाह करने पर बाल विवाह की श्रेणी में आता है। जिला प्रशासन द्वारा अपील की है कि बाल विवाह की सूचना देने की नागरिकों से अपील की है, सूचना देने वाले व्यक्ति का नाम गोपनीय रखा जाएगा। इस तरह की शिकायत चाइल्ड हेल्पलाईन नम्बर 1098 पर की जा सकती है।