अफगानिस्तान में लापता रहा WION का पत्रकार स्वदेश लौटा, 24 घंटे की गई क्रूरता

in #afganistan2 years ago

अफगानिस्तान में रिपोर्टिंग करना इन दिनों बेहद ही चुनौतीपूर्ण कार्य है। दरअसल, आए दिन यहां से पत्रकारों के अगवा करने की, उन्हें मारने-पीटने की, या फिर उन्हें जान से मार देने की खबरें सामने आती रहती हैं। इस बीच अफगानिस्तान से देश के अंतरराष्ट्रीय न्यूज चैनल ‘विऑन’ (WION) के रिपोर्टर को मार-पीटकर अगवा करने की खबर सामने आयी है।

बताया जा रहा है कि अफगानिस्तान के काबुल में WION के रिपोर्टर अनस मलिक और उनकी टीम पर हमला हुआ है। उन्हें और उनकी टीम को कार से बाहर घसीटा गया, फिर उन्हें पीटा गया और उसके बाद उनका अपहरण कर लिया गया। अनस मलिक अफगानिस्तान में तालिबान की सरकार का एक साल पूरा होने पर कवरेज कर रहे थे।

बताया जा रहा है कि जब घंटों तक उनकी कोई खोज खबर नहीं मिली, तब न्यूज चैनल ने संबंधित अधिकारियों से संपर्क साधकर उनकी रिहाई के प्रयास किए।

अनस बुधवार शाम को काबुल पहुंचे थे, जिसके एक दिन बाद वह तालिबान के एक साल के शासन की कवरेज कर रह थे। जानकारी के अनुसार, अनस अल कायदा लीडर अल जवाहिरी की किलिंग को लेकर भी लगातार अपडेट कर रहे थे। अनस के अफगानिस्तान पहुंचने के ठीक एक दिन बाद यानी गुरुवार की रात से उनके लापता होने की बातें सामने आने लगीं। अनस के लापता होने की खबर उनकी एक साथी पत्रकार ने गुरुवार रात को ट्वीट कर दी। उन्होंने बताया था, ‘अनस का फोन अवेलेबल नहीं है और उनके बारे में कोई जानकारी काबुल में पाकिस्तान दूतावास के पास नहीं है।’

हालांकि उनके इस ट्वीट के बाद तालिबान सरकार के साथ इस बारे में पूछताछ शुरू की गई। अफगानिस्तान में पाकिस्तान के राजदूत मंसूर अहमद खान ने शुक्रवार को बताया कि अनस काबुल में हैं और पूरी तरह से सेफ हैं। वहीं, पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो ने भी ट्वीट कर इसकी जानकारी दी थी। अनस ने भी ट्विटर पर जानकारी देते हुए बताया कि ‘मैं वापस आ गया हूं।’

अनस ने आपबीती बताते हुए कहा, ‘हमें कवरेज की हर तरह से मान्यता प्राप्त थी। हमारे पास सभी प्रेस क्रेडेंशियल थे और सामान्य दृश्यों को कवर कर रहे थे। इसके बाद भी हमें पकड़ा गया, कार से बाहर निकाला गया और फिर घसीटा गया। हमारे फोन ले लिए गए थे। उसके बाद हमारे साथ मारपीट की गई। हमारी टीम पर भी हमला किया गया।

अनस ने बताया, ‘कुछ समय बाद हमें उस स्थान से स्थानांतरित कर दिया गया, जहां से हमें पता चला कि वह अफगानि‍स्‍तान में तालिबान की खुफिया यूनिट है। हमें हथकड़ी पहनाई गई, आंखों पर पट्टी बांधी गई और बेतहाशा आरोपों की बौछार कर दी। हमारी पत्रकारिता की साख पर भी पूरी तरह से पूछताछ की गई। कई पर्सनल सवाल भी हमसे किए गए।

आपको बता दें हाल ही में अमेरिका ने अफगानिस्तान में ड्रोन स्ट्राइक की थी, जिसमें अकलायदा चीफ अल जवाहिरी के मारे जाने की खबर सामने आई थी, जिसके बाद गुरुवार को तालिबान ने कहा था कि उन्हें अफगानिस्तान में जवाहिरी की मौजूदगी के बारे में पता नहीं है, साथ ही कहा कि यह फैक्ट है कि अमेरिका ने हमारे क्षेत्र पर आक्रमण किया और सभी अंतरराष्ट्रीय सिद्धांतों का उल्लंघन किया। तालिबान ने कहा था कि अगर फिर ऐसा होता है तो इसके खिलाफ सख्त कदम उठाया जाएगा