पूर्व विधायक की अगुवाई में ग्रामीणों ने श्रमदान कर किया संपर्क मार्ग व पुलिया का निर्माण शुरू

in #activate2 years ago

बिलासपुर।मूसलाधार बारिश में खेतों से बहकर आए पानी के बहाव के कारण भुकसौरा-स्वालेपुर मार्ग और एक पुलिया बह गई।वहीं,ग्रामीणों ने श्रमदान करके संपर्क मार्ग का निर्माण शुरू किया है।
बता दें कि सोमवार की रात बारिश के दौरान खेतों से बहकर आया बहाव का पानी स्वालेपुर-भुकसौरा मार्ग से आकार टिक गया।पानी का दवाब अधिक पढ़ने और पुलिया से पानी की निकासी कम होने की वजह से एकाएक गांव को जाने वाला संपर्क मार्ग कट गया।साथ ही वहां मौजूद पुलिस भी तेज बहाव के कारण बह गई।लोगों को जब इसकी सूचना मिली तो उन्होंने मार्ग को आवागमन के लिए बंद कर दिया।साथ ही मामले से प्रशासन को भी अवगत करवा दिया था।इसी बीच जब मंगलवार को बारिश नहीं हुई और मौसम साफ नजर आया तो पूर्व विधायक जयदीप सिंह बरार के नेतृत्व में दर्जनों ग्रामीण फावड़े, कस्सियां लेकर मौके पर पहुंच गए।मंगलवार को ग्रामीणों ने यहां श्रमदान कर मार्ग बनाने का निर्माण शुरू कर दिया।ग्रामीणों ने श्रमदान के माध्यम से रास्ते पर मिट्टी डालकर आवागमन के लिए एक कच्चे मार्ग का निर्माण कार्य शुरू कर दिया।साथ ही उन्होंने पुलिया को बचाने के लिए भी जुगत लगाई और पुलिया के जीर्णोद्वार की भी मांग उठाई।इस दौरान दर्जनों ग्रामीणों ने निजी संसाधनों के माध्यम से मार्ग को बनाने का कार्य शुरू किया।इस दौरान पूर्व विधायक ने बताया कि तहसील क्षेत्र में मोजूद नहरों का अस्तित्व समाप्त हो गया है। प्रशासन नहरों को केवल कागजों के चलता हुआ दिखाता है।जबकि इसकी जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां कर रही है। जब नहरों का अस्तित्व ही खत्म हो जाएगा तो बारिश के पानी की निकासी कहां और किधर होगी।पूर्व में भी बारिश होती रहीं हैं। दस-दस दिन तक झड़ लग जाया करते थे।लेकिन, उस समय बारिश के पानी की निकासी का सबसे बड़ा स्रोत नहरें हुआ करती थीं।लेकिन, अब वह नहर विलुप्त हो चुकीं हैं तो जल निकासी किधर हो।कहा कि इसका सबसे बड़ा उदाहरण गाजियाबाद, बैंगलोर समेत आदि बड़े शहर भी हैं।उन्होंने प्रशासन से नहरों के अस्तित्व को फिर से जिंदा किए जाने की मांग को उठाया है।