चोरी के मामले में आरोपी को 8 साल की सजा: 6500 रुपये का जुर्माना, आठ साल पुराने केस में
इटावा 07 सितम्बरः(डेस्क)इटावा के विशेष न्यायाधीश ने 8 साल पुराने चोरी के मामले में दोषी को सुनाई 8 साल की सजा
इटावा के विशेष न्यायाधीश दस्यु प्रभावित क्षेत्र अधिनियम आलोक कुमार श्रीवास्तव ने शुक्रवार शाम को आठ साल पुराने चोरी के मामले में सुनवाई के बाद आरोपी मुकेश गोयल को दोषी पाया और उसे 8 साल की कठोर कारावास की सजा सुनाई। न्यायालय ने इस पर 6500 रुपये का जुर्माना भी लगाया।
इस मामले में दो अन्य आरोपी भी शामिल थे। घटना आठ साल पहले की है, जब मुकेश गोयल और उसके साथियों ने इटावा में चोरी और डकैती की योजना बनाई थी।
सजा का विवरण
• मुकेश गोयल को 8 साल की कठोर कारावास की सजा
• 6500 रुपये का जुर्माना लगाया गया
• जुर्माना अदा न करने पर तीन अतिरिक्त माह का कारावास
अन्य मामले
इटावा के विशेष न्यायाधीश दस्यु प्रभावित क्षेत्र अधिनियम ने हाल ही में कुछ अन्य लूट और डकैती के मामलों में भी सुनवाई की है:
• तीन साल पुराने ट्रेन लूट मामले में दो आरोपियों को चार-चार साल की सजा और 5000-5000 रुपये का जुर्माना
• डेढ़ साल पुराने लूट के एक मामले में एक आरोपी को चार साल की सजा
इन मामलों में भी जुर्माना अदा न करने पर तीन-तीन माह का अतिरिक्त कारावास भोगना पड़ेगा।
मध्य प्रदेश डकैती और व्यपहरण प्रभावित क्षेत्र अधिनियम, 1981
मध्य प्रदेश डकैती और व्यपहरण प्रभावित क्षेत्र अधिनियम, 1981 के तहत इटावा एक प्रभावित क्षेत्र घोषित है। इस अधिनियम के मुख्य प्रावधान हैं:
• न्यूनतम सजा: किसी विशिष्ट अपराध के लिये न्यूनतम दण्ड तीन वर्ष का कारावास है
• प्रतिबंधित हथियारों और गोला-बारूद के कब्जे में रखने पर उपधारणा: यदि कोई व्यक्ति प्रतिबंधित हथियारों या गोला-बारूद का कब्जा करता है, तो यह उपधारणा की जाएगी कि वह किसी विशिष्ट अपराध के लिये उनका कब्जा कर रहा है
• तत्काल जमानत: अभियुक्त को तत्काल जमानत पर रिहा किया जाएगा, यदि उसके खिलाफ दर्ज अभियोग या जानकारी दृढ़ आधार पर नहीं है
इस अधिनियम के तहत इटावा के विशेष न्यायाधीश दस्यु प्रभावित क्षेत्र अधिनियम लूट, चोरी और डकैती के मामलों की सुनवाई करते हैं और दोषियों को कठोर सजा सुनाते हैं।
निष्कर्ष
इटावा के विशेष न्यायाधीश दस्यु प्रभावित क्षेत्र अधिनियम लूट, चोरी और डकैती के मामलों में कठोर सजाएं सुनाकर अपराधियों को सबक सिखा रहे हैं। मध्य प्रदेश डकैती और व्यपहरण प्रभावित क्षेत्र अधिनियम, 1981 के तहत इटावा में न्यूनतम सजा तीन वर्ष है और अभियुक्त को तत्काल जमानत पर रिहा किया जाता है, यदि उसके खिलाफ दर्ज अभियोग दृढ़ आधार पर नहीं है।
इन कठोर कदमों से इटावा में लूट, चोरी और डकैती जैसे अपराधों पर अंकुश लगाने में मदद मिलेगी और आम नागरिकों को सुरक्षित महसूस करने में।