झपकी आने से ट्रक में पीछे से घुसी स्लीपर बस, दो की मौत...सौ से अधिक यात्री घायल

1000032602.jpg
image credit :- amar ujala

लखनऊ-आगरा एक्सप्रेसवे पर भीषण हादसा हो गया। चालक को झपकी आने से स्लीपर बस ट्रक में पीछे से जा घुसी। चालक और एक यात्री की मौत हो गई। जबकि सौ से अधिक यात्री घायल हैं।

रात करीब एक बजे फिरोजाबाद में आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे पर एक स्लीपर बस, जो बहराइच से दिल्ली जा रही थी, एक बालू लदे ट्रक में पीछे से टकरा गई। इस हादसे में बस चालक इरफान और एक यात्री रामदेव की मौके पर ही मौत हो गई।

हादसे के समय बस में लगभग 150 यात्री थे, जिनमें से 100 से अधिक घायल हुए। 31 घायलों को जिला संयुक्त चिकित्सालय में भर्ती कराया गया, जबकि अन्य को सैफई पीजीआई में इलाज के लिए भेजा गया।

चालक को झपकी आने के कारण यह दुर्घटना हुई। हादसे के बाद मौके पर चीख-पुकार मच गई और राहगीरों ने पुलिस को सूचना दी। राहत और बचाव कार्य में पुलिस और यूपीडा की टीम ने मदद की, जिससे यातायात को फिर से सुचारू किया गया।

घायलों में कई मजदूर वर्ग के लोग शामिल थे, जिनकी हालत गंभीर बताई जा रही है।

हादसे के बाद पुलिस ने त्वरित कार्रवाई की। घटनास्थल पर एसपी ग्रामीण, एसडीएम, और अन्य पुलिस अधिकारियों ने पहुंचकर राहत और बचाव कार्य शुरू किया।

पुलिस ने घायल यात्रियों को एंबुलेंस के माध्यम से अस्पताल भेजा और बस में फंसे लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला। इसके अलावा, यूपीडा की टीम ने क्षतिग्रस्त बस को एक्सप्रेसवे से हटाया ताकि यातायात सुचारू हो सके। पुलिस ने घटना की जांच भी शुरू की, ताकि हादसे के कारणों का पता लगाया जा सके

पुलिस ने हादसे की जानकारी को दर्ज करने के लिए घटनास्थल पर पहुंचकर आवश्यक कार्रवाई की। दुर्घटना की सूचना मिलने के बाद, पुलिस अधिकारियों ने घायलों को अस्पताल भेजने और राहत कार्य में मदद की।

इसके बाद, पुलिस ने घटना की विस्तृत जांच शुरू की, जिसमें दुर्घटना के कारणों का पता लगाने के लिए सभी विवरण एकत्र किए गए। प्राथमिक सूचना रिपोर्ट (FIR) दर्ज करने की प्रक्रिया भी शुरू की गई, जिसमें घटना का विवरण, शामिल वाहनों की जानकारी और गवाहों के बयान शामिल किए गए। यदि कोई पक्ष FIR दर्ज कराने से मना करता है, तो शिकायतकर्ता को उच्च अधिकारियों से संपर्क करने का अधिकार होता है

हादसे की जानकारी पुलिस को देने के लिए निम्नलिखित दस्तावेज चाहिए होते हैं:

• घटना की विस्तृत जानकारी, जिसमें वाहन का प्रकार, संख्या,
चालक का नाम और पता शामिल हो।
• घायलों की सूची, जिसमें उनके नाम, पते और चोटों का विवरण
हो।
• घटना स्थल का मानचित्र या स्कैच।
• घटना में शामिल अन्य वाहनों की जानकारी।
• गवाहों के बयान और उनके संपर्क विवरण।
• चालक के लाइसेंस और वाहन के दस्तावेजों की प्रतियां।
• किसी भी चोट या क्षति का चिकित्सा प्रमाण-पत्र।
• घटना से संबंधित अन्य कोई भी प्रासंगिक दस्तावेज।
• पुलिस को सूचना देने के बाद, वे घटना की जांच करेंगे और
प्राथमिकी (FIR) दर्ज करेंगे। इसके बाद मुआवजे के लिए आवेदन
किया जा सकता है।