बलरामपुर होर्डिंग मामला- पुलिस का नोटिस, हमारे जीवन के आधार -देवेंद्र तिवारी

in #korea2 years ago (edited)

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हिन्दू संस्कृति के खिलाफ एक शब्द स्वीकार नहीं- देवेन्द्र

कोरिया। बलरामपुर जिले में होर्डिंग हटाये जाने का विवाद पूरे संभाग में चर्चा का विषय बना हुआ था। इस मामले में सोशल मीडिया में भी होर्डिंग को हटाए जाने का काफी विरोध सामने आया था। होर्डिंग विवाद को लेकर कोरिया जिले के पूर्व जिला पंचायत सभापति एवं भाजपा जिला उपाध्यक्ष देवेन्द्र तिवारी ने बयान जारी किए थे। उन्होंने कहा था कि बलरामपुर होर्डिंग पर सुना जा रहा है कि समुदाय विशेष के लोग आपत्ति कर रहे हैं।उन्हें ऐसा नहीं करना चाहिए। उनका बयान मीडिया में आया था। बाद में होर्डिंग के पुनः लग जाने के बाद मामले का पटाक्षेप हो गया था। लेकिन यह मामला एक बार फिर तूल पकड़ रहा है। देवेन्द्र तिवारी द्वारा दिये गए बयान पर सूरजपुर के मुस्लिम समाज के एक व्यक्ति एवं अन्य ने उनके बयान के खिलाफ पुलिस महानिरीक्षक सहित अन्य स्थानों पर शिकायत दर्ज कराई है। इसके बाद बलरामपुर थाना प्रभारी ने श्री तिवारी को नोटिस जारी कर 28 मई को जवाब प्रस्तुत करने के लिए बलरामपुर थाने में उपस्थित होने के लिए कहा था। चूंकि देवेन्द्र तिवारी अभी निजी कार्य से बाहर हैं इसलिए वो बलरामपुर नहीं जा पाए हैं। पुनः बलरामपुर पुलिस ने दूसरी नोटिस जारी कर 30 मई को श्री तिवारी को थाने में उपस्थित होने कहा है।
इस प्रकरण के विषय में भाजपा जिला उपाध्यक्ष देवेन्द्र तिवारी से बात करने पर उन्होंने बताया कि बलरामपुर पुलिस ने दो बार उन्हें नोटिस भेजा है। 28 मई एवं 30 मई को रायपुर में होने के कारण मैं जवाब प्रस्तुत नहीं कर रहा हूँ, किन्तु मुस्लिम समाज द्वारा किये गए शिकायत का अवलोकन कर मैं जवाब प्रस्तुत करूँगा। उन्होंने कहा कि यह जनचर्चा का विषय था कि खास समुदाय के लोगों को होर्डिंग के डिजाइन को लेकर आपत्ति थी। जो उचित नहीं था।
श्री तिवारी ने अपने बयान में कहा कि ऐसा हर कोई भी जो इस देश मे रहता है, यहां कि संस्कृति का सम्मान करना होगा। हम चाहते हैं कि समाज में सौहार्द्र बना रहे। भगवान श्री राम हमारी जीवन शैली के आधार हैं ,इसलिए जब कभी भी उनके नाम और अस्तित्व की बात को लेकर सवाल उठते हैं तो हम आहत होते हैं।यही वजह है कि हमने प्रशासन से आग्रह किया था कि किसी के कहने सुनने से ऐसे कार्य न करें जिससे आमजन एवं हिन्दू समाज की भावनाएं आहत हों।यही वजह है कि इस पर मेरी ओर से आपत्ति व्यक्त की गयी थी।