मेहिदी हसन मिराज: जिसने बांग्लादेश को भारत पर ऐसी जीत दिलाई जो पहले नहीं देखी गई
इस मुक़ाबले में समुद्र की लहर की तरह बहुत सारे उतार चढ़ाव थे लेकिन अंत में ये बांग्लादेश के क्रिकेट इतिहास का एक ताउम्र न भूलने वाला यादगार मैच बन गया.
जब एक एक कर बड़े से बड़ा बल्लेबाज़ पवेलियन लौट गया और पिच पर आखिरी जोड़ी खड़ी थी, भारतीय गेंदबाज़ हावी थे और जीत का लक्ष्य अभी 51 रन दूर था, तब क्रिकेट के लगभग सभी पंडितों ने भारत की जीत को पक्का मान ही लिया था. लेकिन ऐसे में मेहिदी हसन मिराज एक स्टार बन कर चमके और भारत की नाक के नीचे से जीत चुरा ले गए.निश्चित रूप से भारतीय बल्लेबाज़ों ने स्कोरबोर्ड पर इतना बड़ा टोटल नहीं खड़ा किया था जिसे आसानी से बचाया जा सके लेकिन दीपक चाहर ने पहली ही गेंद पर विकेट लेकर आस जगाई और फिर मोहम्मद सिराज ने बीच के ओवर में तीन विकेट निकाल कर भारतीय टीम को पूरी तरह से मैच में वापस ला दिया.
187 रन के लक्ष्य के आगे बांग्लादेश ने 40वें ओवर में 136 रन बनाए थे लेकिन उसके 9 खिलाड़ी पवेलियन लौट चुके थे. एक छोर पर बल्ले के साथ बांग्लादेश के दिग्गज गेंदबाज़ मुस्तफ़िज़ुर रहमान थे तो दूसरे पर ऑलराउंडर मेहिदी हसन मिराज.
मुस्तफ़िज़ुर शून्य, तो मेहिदी केवल एक रन बना कर बल्लेबाज़ी कर रहे थे. ये वो वक़्त था जब लग रहा था कि भारत ने बांग्लादेश को पूरी तरह अपने शिकंजे में ले लिया है.लेकिन कुलदीप सेन की अगली ही ओवर में मेहिदी ने दो छक्का लगा कर अपना इरादा ज़ाहिर कर दिया. अगले दो ओवर में केवल चार रन बने.
फिर रोहित शर्मा ने मैच का 44वां ओवर दीपक चाहर को थमाया. दीपक ने इससे पहले केवल छह ओवर किए थे और केवल 9 रन देकर मैच की पहली गेंद पर विकेट लेने का कारनाम कर चुके थे.लेकिन मेहिदी हसन ने उनकी गेंदों पर एक नहीं, दो नहीं, तीन तीन चौके जड़े और अब तक जो मैच भारत की पकड़ में दिख रहा था, इस ओवर ने उसे बांग्लादेश के पाले में ला दिया.
इस ओवर की समाप्ति के बाद बांग्लादेश ने 173 रन बना लिए थे और अब उसे जीत के लिए 44 गेंदों पर केवल 15 रन चाहिए थे.