#हिजाब पर दलील में अब कांवड़ियों का भी जिक्र, SC में बोले वकील- बढ़ती है मुस्लिम महिलाओं की गरिमा

in #new2 years ago

मुस्लिम छात्राओं के वकील दुष्यंत दवे ने कई तर्क देते हुए कहा कि हिजाब मुस्लिम महिलाओं की गरिमा को बढ़ाता है। इससे किसी दूसरे की धार्मिक आस्था या फिर अधिकार पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता।
कर्नाटक शिक्षण संस्थानों में हिजाब पहनने पर रोक के हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में आज 8वें दिन भी बहस जारी रही। इस दौरान मुस्लिम छात्राओं के वकील दुष्यंत दवे ने कई तर्क देते हुए कहा कि हिजाब मुस्लिम महिलाओं की गरिमा को बढ़ाता है। इससे किसी दूसरे की धार्मिक आस्था या अधिकार पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता। वहीं केस की सुनवाई कर रही बेंच के सदस्य जस्टिस सुधांशु धूलिया ने कहा कि हाई कोर्ट को इस मामले में धर्म के ऐंगल से सुनवाई नहीं करनी चाहिए थी। उन्होंने कहा कि उच्च न्यायालय को इस मामले में नहीं पड़ना चाहिए था कि हिजाब पहनना इस्लाम का अनिवार्य हिस्सा है या नहीं। hijab_ban_supreme_court_1663245378.jpg
वहीं इस मामले में दुष्यंत दवे ने आज तर्क देते हुए कांवड़ियों का भी जिक्र कर दिया। उन्होंने कहा कि आज कांवड़ यात्री म्यूजिक सिस्टम के साथ चलते हैं और भगवान शिव का नृत्य करते हैं। इसी तरह सभी को व्यक्तिगत तरीके से धार्मिक स्वतंत्रता का आनंद लेने का अधिकार है। आप किसी को ठेस नहीं पहुंचाते हैं, यही धार्मिक अधिकार की सीमा है। उन्होंने कहा कि हर कोई भगवान सर्वशक्तिमान को अलग-अलग तरीकों से देखता है। जो लोग केरल में भगवान अयप्पा के पास जाते हैं, वे काली पोशाक में जाते हैं। हालांकि सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने इन तर्कों पर आपत्ति जताते हुए कहा कि इनका इस मामले से कोई लेना-देना नहीं है।