पांच लाख में लगाया कारखाना, 25 हजार रुपये में बेचते थे पिस्टल, बंगाल की जेल में बनी पूरी प्लानिंग

Screenshot_2022-07-11-15-02-58-72_a71c66a550bc09ef2792e9ddf4b16f7a.jpg मैनपुरी में एसटीएफ की कार्रवाई में पकड़े गए आरोपितों ने बताया कि वे तैयार पिस्टल को 25 हजार रुपये में बेचते हैं। पिस्टल की फिनिशिंग का काम मुंगेर निवासी सोनू शर्मा, मदन शर्मा और मोहित करते हैं।
तीनों को एक पिस्टल पर पांच हजार रुपये का भुगतान किया जाता है।

शिवम, शैंकी और ललित पिस्टलें बिकवाने का काम करते हैं। उन्हें प्रति पिस्टल एक हजार रुपया कमीशन दिया जाता है। बाकी का पैसा खर्चे काटकर पंकज, बबलू और शीलेंद्र आपस में बराबर बांट लेते हैं।

पांच लाख रुपये में लगाया कारखाना

आरोपित पंकज, बबलू और शीलेंद्र ने स्वीकार किया कि ये मकान उन्होंने रठेरा निवासी मनीष यादव से 75 हजार रुपये प्रति महीने किराये पर लिया था। फैक्ट्री के लिए ड्रिल मशीन, ग्राइंडर, लेथ मशीन, शेपर कटर व अन्य उपकरण खरीदने में करीब पांच लाख रुपया खर्च किया था। जो पंकज, बबलू, शीलेंद्र ने लगाया था।

अब तक बेच चुके हैं सौ पिस्टलें

आरोपितों ने स्वीकार किया कि वे अब तक सौ पिस्टलें बेच चुके हैं। पिस्टल खरीदने वाले जिले और आसपास जिलों के लोग हैं। यह जानकारी सामने आने के बाद जिले की पुलिस सतर्क हो गई हैं। पिस्टलें खरीदने वालों की तलाश शुरू कर दी गई है।

बंगाल की जेल में बनी शस्त्र फैक्ट्री की योजना

पकड़े गए पंकज ने बताया कि वह एक साल पहले नकली नोटों के साथ बंगाल में पकड़ा गया था। उसे बंगाल की जेल में भेज दिया गया था। उसी जेल में मुंगेर के असलहा बनाने वाले कुछ कारीगर भी बंद थे। उन्हीं के साथ मिलकर पिस्टल फैक्ट्री की योजना तैयार की थी। छह माह पहले जेल से छूटने के बाद उसने मुंगेर के साथियाें के साथ मिलकर फैक्ट्री शुरू कर दी।

एसटीएफ ने पकड़ी शस्त्र फैक्ट्री, नौ गिरफ्तार

बता दें कि रविवार को मैनपुरी शहर में सिरसागंज तिराहे के पास मकान के बेसमेंट में अवैध शस्त्र फैक्ट्री का संचालन हो रहा था। एसटीएफ आगरा, गोरखपुर और पटना की टीम ने संयुक्त कार्रवाई करते हुए शस्त्र बना रहे नौ लोगों को गिरफ्तार कर लिया। जिनमें से तीन आरोपित मुंगेर बिहार के हैं।

ये सामान हुआ बरामद

इस दौरान फैक्ट्री से एक पिस्टल, एक तमंचा, 58 पिस्टल बाडी, 26 बैरल, 75 पिस्टल स्प्रिंग सहित बड़ी संख्या में देशी पिस्टल बनाए जाने के उपकरण बरामद किए।