सिंचाई उपकरण खरीदने में चल रहा कमीशन का खेल

in #commission2 years ago

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किसानों के लिए सिंचाई यंत्र पर अनुदान की योजनाएं चलाई जा रही है लेकिन जिले में इन उपकरण को किसानों तक पहुंचाने में जमाकर कमीशन का खेल चल रहा है। निवास उद्यानिकी (नर्सरी) में किसानो के सिंचाई उपकरण एक कंपनी विशेष पहले ही बुलवा लिया गया है जिन्हे किसानों को दिया जाएगा जबकि यह उपकरण किसान अपने स्वविवेक से किसी एप्रूव कंपनी की एजेंसी से क्रय कर सकता है। कमीशन का यह खेल नर्सरी से लेकर उद्यानिकी कार्यालय तक लंबे समय से चल रहा है। इसको लेकर किसी का ध्यान नहीं है। बताया गया है कि किसानो को फसल की सिंचाई करने में कोई दिक्कत ना हो और अधिक किसान अपने खेतों की सिंचाई समय पर कर सके। इसके लिए सरकार द्वारा प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के अंतर्गत सिंचाई उपकरण स्प्रिंकलर सेट और ड्रिप सिस्टम पर सब्सिडी की योजना शुरू की गई। यहां मंडला जिले से उद्यानिकी फसल की पैदावार करने वाले किसानो ने इसके लिए ऑनलाइन आवदेन किए, अब सिंचाई का सीजन आ गया है और को सिंचाई उपकरण की जरूरत पड़ेगी। आरोप लगाए गए है कि निवास उद्यानिकी नर्सरी में प्रभारी बीएस उइके द्वारा किसानो को उपकरण उपलब्ध कराने के लिए एक कंपनी या दुकान विशेष से उपकरण पहले से बुलवा लिए गए है। जिन्हे नर्सरी में रखा गया है। सिंचाई उपकरण में जमकर कमीशन का खेल किया जा रहा है। निवास में करीब 147 किसानो ने इसके लिए आवेदन किए थे। इसके अलावा अन्य नर्सरी में भी यही हाल है। जहां किसानो लॉटरी में चयन नहीं हुआ है लेकिन उपकरण पहले से नर्सरी पहुंच गए है।

नहीं खुली लॉटरी सिस्टम

किसानो के द्वारा अनुदान पर सिंचाई उपकरण के लिए किसान 20 सितंबर से पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन किए जा रहे है। यहां मंडला में 600 हैक्टेयर भूमि सिचिंत करने के लिए उपकरण दिए जाने का लक्ष्य है लेकिन इस बार कम आवेदन हुए। बताया गया है कि जितने आवेदन हुए है वे सभी (सामान्य वर्ग को छोड़कर) स्वीकृत होगे। एक दिसंबर को किसानों का चयन लॉटरी सिस्टम के माध्यम किया जाना था लेकिन लॉटरी सिस्टम की प्रक्रिया किन्ही कारणो से नहीं की गई। अब पांच दिसंबर को यह प्रक्रिया पूरी की जाएगी।

स्प्रिंकलर सेट ड्रिप सिस्टम पर सब्सिडी

किसानों को प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के माध्यम से अलग-अलग वर्ग के किसानों के लिए अलग-अलग सब्सिडी का लाभ देने का प्रावधान किया गया है। जिसमें सभी वर्ग के अनुसार अनुदान सब्सिडी का लाभ दिया जाता है। इसके तहत लघु सीमांत वर्ग के किसानों को स्प्रिंकलर सेट और ड्रिप सिस्टम की इकाई लागत का 55 प्रतिशत अनुदान दिया जाता है वहीं अन्य सभी वर्गों के किसानों को स्प्रिंकलर सेट और ड्रिप सिस्टम की इकाई लागत का 45 प्रतिशत अनुदान प्रदान करने का प्रावधान है।

कई सवाल हो रहे हैं खड़े

बताया गया है कि भले ही शासन ने सिंचाई उपकरण किसानो को अनुदान पर उपलब्ध कराने के लिए पारदर्शी बरती है। लेकिन यहां मंडला के छोटे किसान पांच एकड़ से कम वाले को इन उपकरणों के बारे अधिक जानकारी नहीं है। यहां तक उनसे ऑनलाइन आवेदन भी नहीं आता है। ऐसे किसानो उपकरण दिलाने के लिए प्रभारी नर्सरी के द्वारा लॉटरी में चयन से पहले सिंचाई उपकरण बुलवाए गए है। नर्सरी में फल फूल इतने है नहीं कि सिंचाई उपकरण की जरूरत पड़े। कायदे से इसकी जांच की जाना चाहिए कि ये सिंचाई उपकरण आए कहां से है और किसके लिए बुलवाए गए है। बताया गया कि उद्यानिकी विभाग में पहले भी इस तरह के मामले सामने आये है। 2014 में फल पौध रोपण में आई सामग्री में भी गड़बड़झाला किया गया था। निवास प्रभारी मुख्यालय में नहीं रहते और जबलपुर से अपडाउन कर रहे है। किसानो को जानकारी भी नहीं दी जा रही है।

इनका कहना है

उद्यानिकी फसल पैदावार कर रहे किसानो को सिंचाई उपकरण के लिए ऑनलाइन आवेदन कराए गए है। पूरी प्रक्रिया पारदर्शी है। निवास में सिंचाई उपकरण पहले आ गए है इसकी जानकारी ली जा किस वजह से सिंचाई उपकरण बुलवाए गए। एनएल शरणागत, सहायक संचालक, उद्यानिकी