मोदी सरकार के साथ अमेरिकी रक्षा सहयोग की उपलब्धि है पेंटागन में भारतीय प्रवेश की अनुमति

in #india2 years ago

केंडेल ने कहा कि अमेरिका दुनिया के किसी भी देश के मुकाबले भारत के साथ सबसे अधिक मिलिट्री एक्सरसाइज करता है और हमें इन संबंधों को और मजबूत करना है. हमने करीब एक साल पहले यूएवी के क्षेत्र में नए सहयोग कार्यक्रम की शुरुआत की और इस क्षेत्र में दोनों देशों के बीच सहयोग तेजी से बढ़ा है.
नई दिल्ली. वर्ष 2014 में पहली बार नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री पद संभालने के बाद से भारत के रक्षा क्षेत्र में दोतरफा सुधार की बेला शुरू हुई थी. मोदी सरकार ने एक ओर जहां रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता को तेजी से बढ़ावा दिया वहीं विदेश से भी रक्षा क्षेत्र में सहयोग को और मजबूत करने पर अप्रत्याशित जोर दिया. अमेरिका ने साल 2016 में भारत को मेजर डिफेंस पार्टनर घोषित किया था. इससे भारत को अत्याधुनिक और संवेदनशील टेक्नोलॉजी खरीदने में सहायता मिली. इसके बाद साल 2018 में अमेरिका ने भारत को स्ट्रैटेजिक ट्रेड ऑथोराइजेशन टीयर 1 स्टेटस दिया. इसके बाद भारत को अमेरिका के कॉमर्स डिपार्टमेंट द्वारा निर्धारित मिलिट्री और ड्यूल यूज टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल के लिए लाइसेंस मुक्त एक्सेस मिला.
रक्षा क्षेत्र में सहयोग नए शिखर पर
अमेरिकी एयरफोर्स के सेक्रेट्ररी फ्रैंक केंडेल ने हाल ही में एक अहम ऐलान करते हुए कहा कि वाशिंगटन में तैनात डिफेंस अटैचे पेंटागन स्थित अमेरिका के रक्षा मंत्रालय के हेडक्वार्टर में बिना किसी के साथ के दौरा कर सकते हैं. केंडेल ने कहा कि ये खास मौका भारत और अमेरिका के बीच बढ़ते रक्षा संबंधों की एक बानगी है. केंडेल ने कहा कि वो खुद बिना किसी एस्कोर्ट के पेटांगन नहीं जा सकते हैं. दुनिया भर की सबसे सुरक्षित बिल्डिगों में से एक पेंटागन में सुरक्षा बेहद कड़ी रहती है. अमेरिकी नागरिको के लिए भी हाई लेवल सिक्योरिटी क्लीयरेंस के बिना प्रवेश करना बेहद मुश्किल है.

केंडेल ने कहा कि अमेरिका दुनिया के किसी भी देश के मुकाबले भारत के साथ सबसे अधिक मिलिट्री एक्सरसाइज करता है और हमें इन संबंधों को और मजबूत करना है. हमने करीब एक साल पहले यूएवी के क्षेत्र में नए सहयोग कार्यक्रम की शुरुआत की और इस क्षेत्र में दोनों देशों के बीच सहयोग तेजी से बढ़ा है.रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने के मोदी सरकार की नीति के फलस्वरूप ही आज अमेरिका की रक्षा क्षेत्र की बड़ी कंपनिया बोइंग, हनीवैल एयरोस्पेस, लॉकहीड मार्टिन, रेथॉन टेक्नोलॉजी, टेक्सटॉन ने विभिन्न भारतीय कंपनियों के साथ ज्वाइंट वेंचर, सब्सिडरी और रिसर्च और डेवलपमेंट सेंटर स्थापित किए है. इससे रक्षा क्षेत्र में भारत को आत्मनिर्भर बनाने के साथ-साथ रोजगार के अवसरों में भी बढ़ोतरी हुई है.भारत और अमेरिका दोनों ही लंबे समय से चीन की विस्तारवादी नीतियों पर कड़ी निगरानी बनाए हुए हैं. इसी के मुद्देनजर दोनों देशों के बीच सैन्य सहयोग तेजी से बढ़ा है. चीन के खतरे से निपटने के लिए क्वाड में भारत और अमेरिका ने सहयोग बढ़ाने पर खासा जोर दिया है. भारत और अमेरिका के बीच बढ़ते सहयोग ने निसन्देह चीन और पाकिस्तान की चिताएं बढ़ाई है और उन्हें नई रणनीति बनाने पर विवश किया है.
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