दूसरी महिलाओं की प्रेग्नेंसी के लिए अपने 'अंडाणु' बेचती थी 13 साल की लड़की, रुपयों के लिए मां ने ही...
अब 16 साल की हो चुकी लड़की 13 साल की उम्र से ही अपने एग्स यानी अंडाणु दान करती आ रही है. कई हॉस्पिटल्स में उसने अंडाणु यानी अपने अंडे दान किए. और इसके बदले में उसे या उसके परिवार को रुपए मिलते थे. ऐसा करने के लिए उसे उसकी ही मां ने मजबूर किया. बता दें कि अंडाणु दान इसलिए किए जाते हैं ताकि वो महिलाएं प्रेग्नेंट हो सकें, जिनको किसी वजह से प्रेग्नेंसी नहीं हो पाती और वह मां नहीं बन सकतीं. लड़की या किसी महिला द्वारा दान किए गए अंडाणुओं से वह प्रेग्नेंट हो सकती हैं, लेकिन 16 साल की उम्र से ही अंडाणु दान करने के मामले ने अब तूल पकड़ लिया है. पुलिस ने लड़की से पूछताछ की है. इससे पहले पुलिस इस मामले के आरोपियों को पकड़ चुकी है.
दरअसल ये मामला तमिलनाडु का है. विशेष चिकित्सा टीम ने इस लड़की से पूछताछ की है. जानकारी के अनुसार, लड़की की मां ने ही उसे ऐसा करने पर मजबूर किया और मां के प्रेमी ने भी इसमें भूमिका निभाई. पुलिस के अनुसार, जन स्वास्थ्य विभाग द्वारा नियुक्त टीम ने 16 वर्षीय लड़की से मुलाकात की, जिसने 13 साल की उम्र से अंडाणु दान के बारे में आपबीती सुनाई. पीड़िता ने बताया कि कैसे उसकी मां इंद्राणी और उसके प्रेमी सैयद अली ने उसे तमिलनाडु के पेरुंदुरई (इरोड), सेलम और होसुर इलाकों में निजी अस्पतालों में अंडाणु दान करने के लिए मजबूर किया था. और इसके बदले में रुपए मिलते थे.
पुलिस के मुताबिक लड़की ने यह भी कहा कि सैयद अली ने उसका कई बार यौन उत्पीड़न किया. मेडिकल टीम ने सभी विवरण दर्ज किए. पुलिस ने कहा कि उसने जिले में बांझपन का इलाज करने वाले उन अस्पतालों से पूछताछ की, जहां लड़की को अपना अंडाणु दान करने के लिए मजबूर किया गया था. शनिवार को मामले के जांच अधिकारी इरोड जिला के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ने बांझपन का इलाज करने वाले दो अस्पतालों को समन भेजा. दोनों अस्पतालों के अधिकारी उपस्थित हुए और जांच अधिकारी के सवालों का जवाब दिया.
इंद्राणी, सैयद अली और एक एजेंट मालथी को लड़की को अंडाणु दान करने के लिए मजबूर करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था और यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (पॉक्सो) कानून के तहत हिरासत में लिया गया था. मामला तब सामने आया जब लड़की तीनों के चंगुल से भाग गई और सलेम में अपने परिजनों को आपबीती सुनाई. इसके बाद पुलिस में शिकायत दर्ज कराई गई.
अंडाणु दान क्यों किए जाते हैं ये भी जान लीजिये. दरअसल, एक महिला के शरीर में आमतौर पर हर महीने एक या दो अंडे बनते हैं. मेडिकल प्रक्रिया के बाद इन अण्डों को महिला के शरीर से निकाल लिया जाता है. फिर ये अंडे उस महिला के शरीर में डाल दिए जाते हैं, जो खुद अंडे बनाने में सक्षम नहीं होती है. इस वजह से ही वह प्रेग्नेंट नहीं हो पाती. इसलिए उसे प्रेग्नेंट होने के लिए किसी और के अण्डों की ज़रूरत पड़ती है. भारत में अंडे दान करने के लिए कई मामले सामने आ चुके हैं. अधिकतर महिलाएं ये रुपयों के लिए ही करती हैं. इसके एवज में 20 25 हज़ार से कुछ लाख रुपए तक मिल सकते हैं. अंडे दान करने के बदले कितने रुपए मिलेंगे, ये महिला की योग्यता पर भी निर्भर करता है. यदि महिला पढ़ी लिखी है और उच्च शिक्षा प्राप्त है और सुन्दर भी है तो अधिक भुगतान किया जाता है.
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