मारपीट दो मामलों में न्यायालय ने सुनाई आरोपियों को सजा
सीधी
मारपीट के आरोपी को सजा एवं अर्थदंड
फरियादी अमित कुमार गुप्ता द्वारा इस आशय की रिपोर्ट दर्ज कराई कि दिनांक 14.07.14 को वह 7:30 बजे शाम उपनी स्कूल में अपने दोस्त सत्यम पाण्डेय, छोटू सिंह, अमर सिंह बगै. के साथ क्रिकेट खेल रहा था। उसी समय उसकी गेंद डब्बू सिंह निवासी उपनी का गेंद ले लिया तब वह अपनी गेंद उससे छुड़ाने लगा तब उसका भाई धीरू सिंह आया व गेंद की बात को लेकर मां-बहन की गालियां देने लगा। तब वह उसे मना किया तो वह अपने हाथ में रखे डंडे से मारा जो उसके सिर, बाएं हाथ की गदोरी के ऊपर मारा तब उसके दोस्त लोग देखे व बीच-बचाव किए तभी उसका मामा अमृतलाल गुप्ता निवासी बंजारी का आ गया। फरियादी की उक्त रिपोर्ट पर थाना कोतवाली के अपराध क्र. 620/14 अंतर्गत धारा 294, 323 व 506 भादवि पर पंजीबद्ध किया गया। विवेचना दौरान धारा 325 भादवि बढ़ाई गई। विवेचना उपरांत अभियोग पत्र माननीय न्यायालय में पेश किया गया, जिसके न्यायालयीन प्रकरण क्र. 1368/14 में शासन की ओर से सशक्त पैरवी करते हुए सुश्री सीनू वर्मा, सहा. जिला अभियोजन अधिकारी ने आरोपी को दोष प्रमाणित करवाया, जिसके परिणामस्वरूप जेएमएफसी सीधी के न्यायालय ने आरोपी धीरू सिंह पिता विष्णु बहादुर सिंह उम्र 26 वर्ष निवासी ग्राम उपनी थाना कोतवाली जिला सीधी को को धारा 325 भादवि के अंतर्गत 01 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 1000 रूपए के अर्थदंड से दंडित किया गया।
न्यायालय ने सुनाया 02 वर्ष का सश्रम कारावास
दिनांक 26.06.15 को शाम करीब 4:00 बजे ग्राम डढि़या में फरियादी के घर के पास अभियुक्तगण राजकुमार और रंजीत उर्फ इंद्रजीत व उसकी लड़की बारी काट रहे थे। फरियादी शिवराम जायसवाल व आहत बलिराम जायसवाल के मना करे पर आरोपीगण राजकुमार जायसवाल एवं रंजीत उर्फ इंद्रजीत जायसवाल निवासी डढि़या ने फरियादी को टांगी की धार तरफ से मारा, जिससे उनके मुंह, नाक व सीने में चोट आयी। फरियादी की सूचना पर थाना चुरहट के अपराध क्र. 273/15 पर आरोपीगणों के विरूद्ध भादवि की धारा 294, 323, 506, 34 के अंतर्गत एफआईआर लेख की गई। विवेचना उपरांत अभियोग पत्र न्यायालय में पेश किया गया, जिसके न्यायालयीन प्रकरण क्र. 561/15 में शासन की ओर से सशक्त पैरवी करते हुए अभियोजन अधिकारी विशाल सिंह ने आरोपीगणों को दोषी प्रमाणित कराया, जिसके परिणामस्वरूप जेएमएफसी चुरहट ने अभियुक्तगणों को 02-02 वर्ष के सश्रम कारावास व 1000-1000 रूपए के अर्थदंड की राशि से दंडित किया।