झूला पुल से पुरवा पहुंच मार्ग दे रहा हादसों को अमंत्रण

in #purva-access2 years ago

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  • मार्ग गढ्ढों में तब्दील, चौपहिया वाहनों की धमाचौकड़ी बढ़ी
  • पानी निकासी की नहीं है उचित व्यवस्था
  • क्षेत्र में कहीं नहीं है पानी निकासी के लिए नाली

मंडला. जिला मुख्यालय में मां नर्मदा नदी पर निर्मित झूला पुल से वाहनों का दबाव दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है। झूला पुल से पुरवा चौराहा तक का मार्ग जर्जर और गड्डों में तब्दील हो गया है। जिसके कारण यहां से गुजरने वाले वाहन हादसे का शिकार हो रहे है। इन गड्डों के कारण छोटे वाहन अनियंत्रित हो रहे है। इस मार्ग में यातायात का दबाव अधिक होने के कारण आए दिन हादसों की खबर आती है।

बता दे कि इस मार्ग में स्थित घरों का निस्तारी पानी मार्गो में फैल रहा है। जिसके कारण यहां की स्थिति बारिश के सीजन की तरह बारह महिने दिखने लगा है। इसके साथ रामबाग क्षेत्र में स्थित टोला, कालोनियों में भी नाली निर्माण नहीं कराया गया है। जिसके कारण घरों के सामने हमेशा कीचड़ बना रहता है। जिससे आवागमन में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। ग्रामवासियों ने जिला प्रशासन से मांग की है कि यहां पानी निकासी और मार्ग का मरम्मतीकरण जल्द कराए। जिससे इस परेशानी से जल्द निजात मिल सके।

बताया गया कि यह मार्ग दोपहिया और छोटे चौपहिया वाहनों के लिए था, जिसके लिए पुल के एक छोर पर बड़े वाहनों का प्रवेश वर्जित कर दिया गया था, लेकिन पुल के मुहाने पर लगाए गए लोहे के पोल को अलग कर दिया गया था। जिसके कारण अब इस मार्ग से ट्रेक्टर ट्राली और बड़े चौपहिया वाहन बेधड़क निकल रहे थे। इस मार्ग से सबसे ज्यादा रेत व खनिज परिवहन अधिक हो रहा है। काफी विरोध के बाद पुल के मुहाने से अलग किए गए पोल को दोबारा लगा दिया गया है, बावजूद इसके यहां ट्रेक्टर ट्राली निकल रहे है।

  • जिला प्रशासन का ध्यान नहीं :

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जानकारी अनुसार झूला पुल से पुरवा चौराहा मार्ग आत्यधिक जर्जर हो गया है, रामबाग में नाली ना होने के कारण यहां नाली का पानी मार्ग में फैल रहा है। जिसके कारण हादसे का अंदेशा हमेशा बना रहता है। वहीं यह मार्ग सकरा होने के कारण दो वाहनों की क्रॉसिंग में भी समस्या आ रहा है। वाहनों की क्रॉसिंग के दौरान भी वाहन के अनियंत्रित होने का खतरा हमेशा रहता है। इस समस्या की और जिला प्रशासन का ध्यान नहीं है। इस मार्ग में यातायात का दबाव अधिक होने के कारण यहां यह स्थिति निर्मित हो रही है। यदि इस मार्ग के अतिक्रमण हटा दिए जाए तो मार्ग चौड़ी की जा सकती है, जिसके बाद काफी हद तक यातायात के दबाव पर नियंत्रण किया जा सकता है।

  • शॉर्टकट है यह मार्ग :
    बता दे कि इसी मार्ग छत्तसीगढ़, बिछिया, मवई, मोतीनाला समेत अन्य क्षेत्रों के लोगों का आना जाना रोज बना रहता है। यह मार्ग जिला मुख्यालय से जोडऩे के लिए शॉर्ट कट मार्ग है। इस मार्ग से जाने पर करीब 15 किमी की दूर कम हो जाती है। जिसके कारण लोग इसी मार्ग का उपयोग अधिक करते है। जिसके कारण इस मार्ग में यातायात का दबाव अधिक हो गया है। इस मार्ग को अब चौड़ीकरण और डामलीकरण का इंतजार है।

  • हादसे का बना रहता है अंदेशा :
    ग्रामीणों ने बताया कि जिले के प्रसिद्ध धार्मिक स्थल एवं आस्था का केन्द्र सूर्य कुण्डधाम इसी मार्ग में स्थित ग्राम सकवाह में है। जिसके कारण भी श्रृद्धालुओं का आना जाना रोज बना रहता है। इस मार्ग से पैदल राहगीर, मोटर साईकिल सवार, चौपहिया वाहनों की 24 घंटे आवाजाही बनी रहती है। बारिश के दौरान यह मार्ग खतरे से खाली नहीं रहता है। मार्ग में बने बड़े गड्डे खतरो को निमंत्रण देते है। बारिश का पानी गड्डों में भर जाने के कारण वाहन सवार को गड्डों का अंदाजा नहीं लग पाता और वाहन अनियंत्रित होकर हादसे का शिकार हो जाते है।

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  • ट्रेक्टरों से मार्ग में खतरा :
    झूला पुल बनने के बाद इस मार्ग पर बड़े वाहनों की आवाजाही पर पूर्णत: रोक लगाई थी, लेकिन विगत कोरोना काल में इस मार्ग में लगे लोहे के पोल जो बड़े वाहनों को इस मार्ग से जाने के लिए बाधित कर रहे थे, उन पोलों को अलग कर दिया गया है। जिसके बाद से यहां रेत, ईट समेत अन्य भारी वाहनों की आवाजाही इस मार्ग में बढ़ गई है। यहां से अधिकत्तर ट्रेक्टर ट्राली की आवाजाही अधिक हो रही है, ये वाहन रेत, ईट का परिवहन के लिए इसी मार्ग का उपयोग कर रहे है। जिसके कारण हादसे का डर बना रहता है। बता दे कि अभी यहां हटाया गए पोल को दोबारा लगा दिया है, इसके बाद भी यहां से बड़े वाहनों की आवाजाही बनी हुई है। यहां अधिकत्तर ट्रेक्टरों की ज्यादा आवाजाही हो रही है।

  • जर्जर मार्ग की नहीं हुई मरम्मत :
    यहां सड़क की मरम्मत की मांग को लेकर ग्रामीणों ने प्रशासन समेत जनप्रतिनिधि को कई बार मार्ग के मरम्मतीकरण के लिए शिकायत की है, लेकिन शिकायत करने के बाद भी ना तो यहां के जनप्रतिनिधि ध्यान दे रहे है और ना ही जिला प्रशासन ध्यान दे रहा है। जबकि यह क्षेत्र जिला मुख्यालय से लगा हुआ है। यहां कई अधिकारी,क र्मचारियों को आना जाना भी होता है। बावजूद इसके इस तरफ किसी का ध्यान नहीं है। रामबाग, पुरवा और सकवाह क्षेत्र के जनप्रतिनिधि और पंचायत प्रतिनिधि इस क्षेत्र की समस्या से रूबरू है, लेकिन इस समस्या के निराकरण के लिए आंख बंद करके बैठे है। इन्हें ग्रामीणों की समस्या से कोई सरोकार नहीं है।

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  • स्थानीय लोगों में रोष :
    मंडला जिला मुख्यालय के झूला पुल के ट्रेक्टर और भारी वाहनों की आवाजाही को प्रतिबंधित किया गया है। लेकिन यहां से वाहनों की आवाजाही हो रही है। इस मार्ग पर धडल्ले से ट्रेक्टर रेत और गिट्टी लेकर रहवासी और सघन बस्ती से निकल रहे है। जिससे समस्या बनी हुई है। यहां आये दिन जाम की स्थिति बन रही है। जिससे यहां स्थानीय लोग भी परेशान है। लेकिन यहां समस्या का समाधान नही किया जा रहा है। वाहनों को प्रतिबंध के बावजूद रोक नही लग पा रही है। कई बार लोग मांग भी कर चुके है। जिससे स्थानीय लोगो में रोष भी है।

  • रामबाग के लोग परेशान :

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ग्राम रामबाग के वंशिदों ने बताया कि रामबाग के पूरे क्षेत्र में कहीं भी पानी निकासी के लिए नाली निर्माण नहीं किया गया है। जिसके कारण यहां घरों और नलों का पानी सीधे सड़कों फैला रहता है। जिससे ग्राम के लोगों और आने जाने वाले लोगों को काफी परेशानी उठानी पड़ती है। यहां की स्थिति बारह महिने बारिश के सीजन जैसी देखी जा सकती है। कालोनी और टोलों में स्थित घरों के सामने गंदा पानी हर दम भरा रहता है। जिससे मुख्य मार्ग तक आने में काफी परेशानी होती है। स्कूली बच्चों को स्कूल जाने में काफी परेशानी उठानी पड़ती है। मार्ग से गुजरने पर ड्रेस गंदे होना का भय हमेशा बना रहता है। कभी कभी तो तेज रफ्तार वाहनों के कारण कपड़े गंदे भी हो जाते है। यहां के ग्राम पचायत प्रतिनिधि मूक दर्शक बनकर पंचायत का काम कर रहे है। इन्हें ग्राम के लोगों की परेशानी से कोई सरोकार नहीं है।

  • इनका कहना है
    आपने मामला संज्ञान में लाया है, पानी मार्ग में कहां से आ रहा है, इसकी जानकारी लेकर पानी निकासी की व्यवस्था कराई जाएगी।
    संतोष भल्लावी, जनपद अध्यक्ष, मंडला