सिद्धार्थनगर जिले में बन रहे कोविड वार्डो में भारी अनियमितता सामने आ रही है।
सिद्धार्थनगर जिले में बन रहे कोविड वार्डो में भारी अनियमितता सामने आ रही है। इस अनियमितता की शिकायत प्रदेश स्तर पर भी की गई थी । लेकिन जांच के बाद भी मटेरियल की गुणवत्ता पर अब भी प्रश्न चिन्ह बना हुआ है।
वी/ओ-कोविड महामारी के बाद भविष्य में कोविड या इस तरह की अन्य महामारी से निपटने के लिए केंद्र और प्रदेश सरकार पूरी तरह तैयार रहना चाहती है। इसी को दृष्टिगत रखते हुए भारत सरकार ने प्रदेश सरकार के सहयोग से पूरे प्रदेश में बड़ी संख्या में कोविड वार्डो के निर्माण का काम शुरू कराया है। इस योजना के अंतर्गत सिद्धार्थनगर जिले में स्थित 20 सीएचसी पर 20 बेड के और 12 पीएचसी पर 6 बेड के कोविड वार्डों का निर्माण हो रहा है । इस कोविड निर्माण के शुरुआत से ही इसकी डिजाइन और इसके में इस्तेमाल किए जा रहे मटेरियल की गुणवत्ता पर सवाल उठते रहे हैं। जनप्रतिनिधियों से लेकर आम जागरूक नागरिकों की शिकायत के बाद सिद्धार्थनगर जिले के मुख्य चिकित्सा अधिकारी बी के अग्रवाल ने इसकी शिकायत प्रमुख सचिव से भी की थी। कोविड वार्डों लेकर मिल रही शिकायतों के बारे में सीएमओ बी के अग्रवाल कहते हैं कि उन्हें कोविड वार्ड में इस्तेमाल हो रहे मटेरियल की शिकायत मिली थी जिसकी जानकारी उच्च स्तर पर संबंधित विभाग के साथ-साथ प्रमुख सचिव को भी उन्होंने लिखित तौर पर भेजी थी लखनऊ से 6 सदस्यीय टीम भी आई थी जिसने बारीकी से हर बिंदुओं पर जांच की। जांच रिपोर्ट क्या है उसका उन्हें अभी तक पता नहीं है। उन्होंने कहा कि उनके स्तर पर घटिया सामग्री के इस्तेमाल की जो शिकायत थी उसको उन्होंने रुकवा दिया था और संबंधित ठेकेदारों ने उनकी बात को मानते हुए अच्छे किस्म की ईंटों का प्रयोग भी शुरू कर दिया था । जांच रिपोर्ट क्या आई और अब क्या हो रहा है इसकी उन्हें अभी कोई जानकारी नहीं है उन्होंने कहा कि अगर अब भी घटिया सामग्री इस्तेमाल हो रही है तो दोबारा वह इसकी अपने अस्तर पर जान जांच कराएंगे।