भलस्वा झील का किनारा और वहाँ खाली पड़ा पुलिस बूथ बना नशेड़ियों का अड्डा।
भलस्वा झील का किनारा और वहाँ खाली पड़ा पुलिस बूथ बना नशेड़ियों का अड्डा।
दिल्ली के भलस्वा झील का किनारा बना नशेड़ियों का अड्डा.झील के किनारे बने पुलिस बूथ पर भी राहत नशेड़ियों का जमावड़ा लोगों की सुरक्षा के लिए बनाया गया पुलिस बूथ में नसेड़ी लेते हैं पनाह पुलिस को कई बार शिकायतों के बाद भी नहीं की जाती कोई कार्रवाई नशे के खिलाफ कार्रवाई करने की बजाय पुलिस बुथ में ही नशेड़ी नशे का सामान लाकर कर रहे हैं नशा इसी के चलते तेजी से इलाके में बढ़ रही है अपराधिक घटनाएं ।
उत्तरी बाहरी जिला में पुलिस द्वारा नशेड़ियों और नशे का व्यापार करने वालों के खिलाफ वैसे तो नकेल कसी गई है लेकिन भलस्वा झील के पास पुलिस की बड़ी लापरवाही देखने को मिलती है जहां लोगों की सुरक्षा के लिए बनाया गया पुलिस बुथ अब नशा करने वालों के लिए पनाहगाह बन चुका पुलिस बूथ के अंदर ही अपराधी प्रवृत्ति के लोग बैठकर नशा करते हैं ऐसा लगता है जैसे पुलिस बूथ के अंदर ही नशेड़ियों को संरक्षण दिया जा रहा है भलस्वा झील के नजदीक कई बार आपराधिक घटनाओं को अंजाम दिया गया है यहां इलाके में नशा करने वाले लोग ही इस तरीके की छीना झपटी लूट चोरी जैसी वारदातों को अंजाम देते हैं बावजूद इसके इस इलाके में पुलिस रहती हैं नदारत।
लेकिन बावजूद इसके पुलिस इन पर कार्रवाई करने की बजाय अपने पुलिस बूथ पर ही हर रोज नशा करने के लिए आमंत्रित करती हुई दिखाई देती है
इतना ही नहीं शाम के वक्त भलस्वा झील से मुकुंदपुर जाने वाला रास्ता काफी खाली और सन्नाटे जैसा होता है उस वक्त यहां पर अपराधिक प्रवृत्ति के लोग भी सक्रिय हो जाते हैं और नशा करने के बाद आपराधिक वारदातों को अंजाम देते हैं बावजूद इसके कोई भी पुलिस कर्मी यहाँ दूर दूर तक दिखाई नहीं देते भलस्वा झील के किनारे असमाजिक तत्वों का जमावड़ा हर समय रहता हैं यहीं कारण है कि इस रास्ते से महिलाओं और लड़कियों के साथ साथ आम लोगों का भी यहाँ से गुजरना तक मुश्किल हो चुका है आए दिन छीना झपटी जैसी छोटी-मोटी वारदातों को यहां अंजाम दिया जाता है बावजूद इसके पुलिस की तरफ से कोई कार्रवाई नहीं की जा रही ।
यहाँ पनाह लेने वाले असामाजिक तत्वों पर समय रहते कोई कार्यवाही नहीं की गईं तो ये सुनसान रास्ते पर कोई भी बड़ी घटना हो सकती हैं ।