कविता

in #poem2 years ago

जन्म भूमि के मूक क्रूदन का साक्षी हू ।
मै गगन ,मैं शून्य ,मैं ही पक्षपाती हु ।।

सृजन पर संवलता अंधेरों का साथी हू ।
मन्दिर ,मस्जिद को तोड़ता मैं मनुष्य जाति हू ।।

Sort:  

I like your news please like my news