वो पीर पराई क्या जाने.

in #news2 years ago

बड़ी उम्र की स्त्रियाँ
प्रेम किसी के साथ जीने के लिये नही करतीं,
वो देखतीं हैं एक साया
जिसकी छांव में वो उम्र की थकान उतार सकें,

वो ढूँढ़तीं हैं एक अल्हड़ दोस्त
जिसके साथ वो सड़क पर भीग सकें,
परिपक्व खूबसूरती और नादान
खूबसूरती में बहुत फ़र्क़ होता है
इसलिये तो वे पूजा की थाली होतीं हैं,
उन्हें कभी तोड़ा नही जा सकता

वो बहुत गहरी होती हैं
वह प्रेमी की हर नादानी को
दरकिनार कर बेहद भावुक प्रेम करती हैं,

वह छलावे की ज़िंदगी से
हटकर पारदर्शी प्रेम चाहती हैं
इससे पहले वक़्त उड़ा ले जाए
उसकी सारी बची नादानियाँ
ये बड़ी उम्र की स्त्रियाँ
चंद लम्हों में सारी ज़िंदगी
जीने की चाहत रखतीं हैं

वोह आप से खुले मे मोहब्बत चाहती है
बस उस यही डर सताता है
की लोग काय कहे गे
वोह चाहती है
कुछ पल अपनी बीती जवानी को
फिर से जी लू

जो प्रेम गली में आया ही नहीं
प्रीतम का ठिकाना क्या जाने...
जिसने कभी प्रीत लगाई नहीं
वो प्रीत निभाना क्या जाने.....
मीरा थी दिवानी मोहन की
संसार दिवाना क्या जाने.....
जिस दिल में न पैदा दर्द हुआ
वो पीर पराई क्या जाने..!!