आशा पर विपत्ति

in #news2 years ago

आशा पर विपत्ति

आशा के मुकाबले में आशा हो जब खडी
और किसी का कायर निर्णय
नकारता है किसी का लाजमी हक,
नकली सहानुभूति की करतूदों से
खिलवाड होता है चेतना के होश उडने का,
और बंद होता है विवेक की आहट का हर दरवाजा,
तब बन जाती है आशा, एक बरबाद लाश