31 मई को थम सकते हैं ट्रेनों के पहिये, 35 हजार स्टेशन मास्टरों ने किया है हड़ताल का ऐलान

in #wortheum2 years ago

IMG-20220522-WA0068.jpgरेल मंत्रालय समय रहते नहीं जागा तो देश में 31 मई को ऐसा हो सकता है कि सभी ट्रेनों के पहिए एक साथ थम जाएंगे। अपनी विभिन्न मांगों को लेकर 35 हजार से अधिक स्टेशन मास्टर सामूहिक अवकाश लेकर काम नहीं करेंगे और एक प्रकार से हड़ताल पर चले जाएंगे। वैसे रेलवे ने अवकाश पर रोक लगाने जैसी प्रक्रिया शुरू कर दी है जिसमें अपर मंडल प्रबंधक से अवकाश लेना होगा और वह बिना किसी खास वजह के अवकाश नहीं देंगे। रेलवे गाड़ियों को चलाने की वैकल्पिक व्यवस्था भी करेंगे।

रेलवे की उदासीनता और अनदेखी की वजह से देश भर के करीब 35 हजार से अधिक स्टेशन मास्टरों ने रेलवे बोर्ड को एक नोटिस थमा दिया है। नोटिस में साफ कर दिया कि आगामी 31 मई को हड़ताल पर जाएंगे। स्टेशन मास्टर चाहते हैं कि उनके संवर्ग में खाली पदों को जल्द भरा जाए। देखना ये है कि रेल मंत्रालय आखिर इस मुद्दे पर क्या फैसला लेता है।

ऑल इंडिया स्टेशन मास्टर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष धनंजय चंद्रात्रे का कहना है कि सरकार कुछ सालों से कोई सुनवाई नहीं कर रही जिसके कारण एकमात्र एक विकल्प हड़ताल करना ही बचा है। पूरे देश में इस समय 6 हजार से भी ज्यादा स्टेशन मास्टरों की कमी है। रेल प्रशासन इस पद पर भर्ती नहीं कर रहा है। इस वजह से इस समय देश के आधे से भी ज्यादा स्टेशनों पर केवल दो स्टेशन मास्टर ही काम कर रहे हैं। नियमानुसार स्टेशन मास्टरों की शिफ्ट आठ घंटे की होती है, लेकिन स्टाफ की इस कमी की वजह से इन्हें हर रोज 12 घंटे की शिफ्ट करनी पड़ रही है। जिस दिन किसी स्टेशन मास्टर का साप्ताहिक अवकाश होता है,उस दिन किसी दूसरे स्टेशन से स्टेशन मास्टर बुलाना पड़ता है। स्टेशन मास्टरों से अधिक काम कराया जा रहा है। एसोसिएशन के अध्यक्ष धनंजय का कहना है कि स्टेशन मास्टरों की मांग की सूची रेलवे बोर्ड के सीईओ को भेज दी गई है। रेलवे में सभी रिक्तियों को शीघ्र भरा जाना। सभी रेल कर्मचारियों को बिना किसी अधिकतम सीमा के रात्रि ड्यूटी भत्ता बहाल करना। स्टेशन मास्टरों के संवर्ग में एमएसीपी का लाभ 16.02.2018 के बजाय 01.01.2016 से प्रदान करना। संशोधित पदनामों के साथ संवर्गों का पुनर्गठन करना। स्टेशन मास्टरों को सुरक्षा और तनाव भत्ता देना। इन मांगों को पूरा करने के लिए मंत्रालय और सरकार से अपील की है।