संतकबीरनगर के थानों में अब एनसीआर नहीं सीधे दर्ज होगी एफआईआर, जानिए वजह
यूपी के संतकबीरनगर जिले के थानों पर पहुंचने वाले पीड़ितों के प्रार्थना पत्र पर अब एनसीआर नहीं दर्ज की जाएगी। पीड़ितों का प्रार्थना पत्र मिलने के बाद सीधे एफआईआर दर्ज होगा। पुलिस विभाग ने इसे धरातल पर उतारने की तैयारी शुरू कर दिया है। थाने पर पहुंचने वाले पीड़ितों को परेशान होने से बचाने के लिए उच्चाधिकारियों ने पहल शुरू कर दी है।
जिले के सभी थानों पर छोटे, मध्यम विवादित मारपीट व अन्य मामलों में थाने पर पहुंचने वाले फरियादियों के शिकायत पत्र पर स्थानीय पुलिस एनसीआर दर्ज कर अपना पीछा छुड़ा लेती थी। एनसीआर दर्ज होने के बाद पीड़ित का मेडिकल परीक्षण पुलिस अभिरक्षा में कराया जाता है। मेडिकल रिपोर्ट आने के बाद एनसीआर के मामले में धारा परिवर्तन किया जाता है।
ऐसे छोटे विवादित मामलों में प्रत्यक्ष कोई कार्रवाई न होता देख फरियादी को यह लगता है कि पुलिस कोई कार्रवाई नहीं कर रही है। इस वजह से पीड़ितों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता था। पीड़ित मामले में कार्रवाई न होता देख पुलिस विभाग के उच्चाधिकारियों के चौखट पर पहुंचकर दरवाजा खटखटता था। समय से कार्रवाई न होने पर उच्चाधिकारी भी उन्हें कोर्ट जाकर आदेश कराने की सलाह देते थे। जन सुनवाई के दौरान में पुलिस विभाग के अधिकारियों के समक्ष भी इस तरह के बहुत से मामले पहुंच रहे हैं।
ऐसे में उन्हें न्याय पाने में काफी समय और रूपया खर्च करना पड़ता था। इसके बाद काफी लंबा समय बीतने के बाद उन्हें न्याय की उम्मीद जगती थी और इस बीच में सबूत के साथ भी विपक्षी काफी छेड़छाड़ कर माहौल अपने पक्ष में बना लेते थे। पुलिस विभाग के उच्चाधिकारियों ने ऐसे मामलों की अधिकता देख अब पीड़ितों के प्रार्थना पत्र पर सीधे एफआईआर करने का निर्णय लिया।
जिससे मारपीट और विवाद के छोटे और मध्यम मामलों में फरियादियों को भटकना न पड़े और उन्हें तत्काल कानूनी सहायता मिल सके। एसपी सोनम कुमार ने बताया कि थाने पर आने वाले विवादित मामलों में ज्यादातर एनसीआर दर्ज होता है। जन सुनवाई में ऐसे बहुत से मामले सामने आ रहे हैं। इसके वजह से अब सीधे एफआईआर दर्ज करने का निर्णय लिया जा रहा है। इससे पीड़ितों को त्वरित कानूनी सहायता उपलब्ध होगी। आसपास के कई जनपदों में यह व्यवस्था लागू कर दी गई है।