इमामगंज की सड़कें बदहाल, ग्रामीण कहते हैं- सड़क की दुर्दशा के कारण शादी नहीं करना चाहते कुटुंब।

in #duamriya2 years ago

इमामगंज की सड़कें बदहाल, ग्रामीण कहते हैं- सड़क की दुर्दशा के कारण शादी नहीं करना चाहते कुटुंब।

गया जिले के अति नक्सल प्रभावित क्षेत्र इमामगंज प्रखंड में कई गांवों को जोड़ने वाली सड़क बदहाल है। सड़कें पूरी तरह से कच्ची और ऊबङ-खाबङ रह गई है, जिसके कारण यहां कुटुम्ब शादी नहीं करना चाहते। शादियां बमुश्किल लग पाती है।खासकर लड़कों की शादियां लंबे समय तक इसी वजह से अटकी रहती हैं।

कई दशकों से इस समस्या को झेल रहे ग्रामीण।

इस समस्या को कई दशकों से ग्रामीण झेल रहे हैं।ग्रामीणों का कहना है कि पिछले 4 दशकों से इमामगंज के सिमरिया गांव समेत दर्जनभर गांवों को जोड़ने वाली इस सड़क की स्थिति बदहाल बनी हुई है। नतीजतन यहां का विकास कार्य रुका हुआ है. यहां के युवकों की शादी बड़ी मुश्किल से लगती है। कुटुंब आते हैं, लेकिन सड़कों की स्थिति देखकर अपनी बेटी की शादी इमामगंज के ऐसे गांव में करना नहीं चाहते हैं। लड़कियों की भी शादी में परेशानी आती है। किंंतु सबसे ज्यादा दिक्कतें लड़कों की शादी को लेकर होती है। क्योंकि हम लोग लड़कियों की शादी दूसरी जगह को करते हैं।किंतु सड़क की स्थिति को देखते हुए अधिकांश कुटुंब अपनी बेटी की शादी हमारे इमामगंज के जर्जर सड़क वाले गांव में नहीं करना चाहते। अधिकांश मौकों पर शादियों में बाधा इस प्रकार की सड़कें बन जाती है।यदि बरसात के दिनों में कुटुम्ब आ गए तो किसी भी सूरत में शादिया नहीं लगती है, क्योंकि उन दिनों में उबड़ खाबड़ सड़कों में पानी ही पानी जमा रहता है और इसे देखकर वे भड़क जाते हैं. वहीं, अपनी बेटी की शादी करने का विचार दिमाग से निकाल देते हैं।

झिकटिया हाईवे से लेकर पाकाडीह तक 25 गांव में बनी है यही स्थिति।

डुमरिया पटना स्टेट हाईवे 69 के इमामगंज प्रखंड अंतर्गत झिकटिया गांव से लेकर पाकाडीह तक सड़कों की स्थिति बुरी है। इस रोड में परसिया गांव, पटेल गांव, देवजरा गांव, कादिर गंज गांव, पाकाडीह गांव समेत दर्जनों गांव बसे हैं। किंतु सड़क की बदहाली ने लोगों का जीना मुहाल कर दिया है और कई तरह की समस्याएं उत्पन्न करती है। बात शादियां की हो या फिर महिलाओं के प्रसव की, इन दोनों ही नाजुक बिंदुओं पर समस्या एक नासूर की तरह है। पिछले 4 दशकों से इस सड़क की बदहाली को कोई दूर करने वाला आगे नहीं आया। इन दर्जनों गांव के लोग गुहार लगा लगा थक गए और अब उन्होंने इस बार चुनाव में सबक सिखाने की ठानी है।

बहुत दिक्कते हैं, सड़क की बदहाल है सुविधा।

इस संबंध में ग्रामीण ललन साव बताते हैं कि झिकटिया हाईवे से लेकर पाकाडीह के बीच सड़कों की यही स्थिति है। इस रूट में 25 गांव पड़ते हैं। यह पहाड़ी और नक्सल प्रभावित इलाका है। किंतु यहां की सड़क की बदहाली से बहुत दिक्कत हो रही है।सड़क परेशानी का सबब बन गई है। यह पहाड़ी व नक्सल प्रभावित इलाका है। बरसात में तो और भी ज्यादा दिक्कतें होती है। सामान्य दिनों में भी मुश्किलें बनी रहती है।

आजादी के बाद सिर्फ एक बार रिपेयरिंग किया गया।

वही इस संबंध में अरूणजय कुमार बताते हैं कि आजादी के बाद से आज तक सिर्फ एक बार रिपेयरिंग किया गया। 2019 में इस रोड को बना दिए जाने का आश्वासन मिला था। किंतु ऐसा कुछ नहीं हुआ। इस रोड में गर्भवती को डोली के माध्यम से प्रसव कराने के लिए ले जाया जाता है, क्योंकि गर्भवती को खतरा बना रहता है। यदि वाहन से ले गए तो यह खतरनाक होगा।

लोग शादियां नहीं करना चाहते हैं।।

गांव के विष्णु देव प्रसाद बताते हैं कि इस गांव में लोग शादियां नहीं करना चाहते हैं। सड़कों के कारण यह स्थिति बनी है।बड़ी मुश्किल से किसी तरह शादियां हो पाती है। बराबर इस रोड में दुर्घटना होती रहती है, सड़क जर्जर है।