बांग्लादेश में तख्ता पलट पर अमुवि प्रोफेसर ने जताई चिंता, भारत में होगी बांग्लादेशी
अलीगढ़ 6 अगस्त : (डेस्क) बांग्लादेश में शेख हसीना के तख्ता पलट के बाद भारत पर पड़ने वाले प्रभाव के बारे में जब एएमयू के प्रोफेसर आफताब आलम से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि भारत–बांग्लादेश संबंधों पर भी प्रतिकूल असर पड़ेगा। सेना के कार्यकाल में चीन का हस्तक्षेप बढ़ने की संभावना से इन्कार नहीं किया जा सकता है।
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एएमयू के सामरिक-सुरक्षा अध्ययन विभाग के अध्यक्ष प्रो. आफताब आलम ने बांग्लादेश में प्रधानमंत्री शेख हसीना के तख्ता पलट की घटनाओं पर गहरी चिंता व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि इस राजनीतिक उथल-पुथल के परिणामस्वरूप भारत में बांग्लादेशी शरणार्थियों की आमद संभव है, जो कि एक गंभीर सुरक्षा चुनौती बन सकती है।
प्रो. आलम ने बताया कि बांग्लादेश में राजनीतिक अस्थिरता से न केवल वहां की जनता प्रभावित होगी, बल्कि इसका प्रभाव पड़ोसी देशों, विशेषकर भारत पर भी पड़ेगा। उन्होंने भारतीय सेना को सतर्क रहने और सीमा पर गश्त बढ़ाने की आवश्यकता पर जोर दिया। उनका मानना है कि यदि स्थिति और बिगड़ती है, तो बांग्लादेशी नागरिक भारत की ओर पलायन कर सकते हैं, जिससे सीमा सुरक्षा पर दबाव बढ़ेगा।
उन्होंने यह भी कहा कि भारत को इस स्थिति का पूर्वानुमान लगाने और आवश्यक कदम उठाने की आवश्यकता है। सीमा पर निगरानी बढ़ाने से न केवल शरणार्थियों की आमद को नियंत्रित किया जा सकेगा, बल्कि संभावित सुरक्षा खतरों का भी सामना किया जा सकेगा।
प्रो. आलम का यह बयान ऐसे समय में आया है जब बांग्लादेश में राजनीतिक स्थिति अत्यंत संवेदनशील है। उन्होंने कहा कि भारत को अपनी सीमाओं की सुरक्षा को प्राथमिकता देनी चाहिए और किसी भी संभावित संकट के लिए तैयार रहना चाहिए।
इस प्रकार, प्रो. आफताब आलम की चिंताएं बांग्लादेश की वर्तमान राजनीतिक स्थिति और उसके संभावित प्रभावों को लेकर हैं, जो कि न केवल बांग्लादेश बल्कि भारत की सुरक्षा के लिए भी महत्वपूर्ण हैं।